पटना: बिहार के पूर्णिया में बने देश के पहले ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड एथेनॉल प्लांट के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीमांचल और कोसी क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के द्वार खोल दिए हैं । इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 65000 लीटर प्रतिदिन है, जिसके लिए रोजाना 145 से 150 टन चावल या मक्के की जरूरत होगी, इसका सीधा फायदा बिहार के किसानों को मिलेगा।

बिहार में एथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत पहले चरण में 17 एथेनॉल उत्पादन इकाइयां स्थापित हो रही हैं। इनमें से चार एथेनॉल इकाइयां बनकर तैयार हैं। पूर्णिया के अलावा दो गोपालगंज और एक आरा में जल्द ही एथेनॉल प्लांट का शुरू कर दिया जाएगा ।
देश में अभी तक ईख से एथेनॉल का उत्पादन किया जाता रहा है। पर बिहार के इस पहले प्लांट में मक्का और ब्रोकन राइस से एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। 104 करोड़ की लागत से करीब 15 एकड़ में बने इस प्लांट में मक्का से एथेनॉल के निर्माण के बाद बची सामग्री से पशु आहार का निर्माण कराया जाएगा। जिससे मक्का किसानों को अपने फसल की अच्छी कीमत मिल सकेगी साथ ही पशुओं के पोषाहार की बड़े स्तर पर आपूर्ति भी की जा सकेगी।
बिहार में औद्योगिक क्रांति की बयार चल चुकी है। बिजली, पानी, सड़क स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ- साथ अब उद्योग भी तेजी से लग रहे हैं। जिससे लोगों को रोजगार के साथ देश के विकास में बिहार अपना अहम योगदान सुनिश्चित कर रहा है।