
पुरे देश में पूर्णिया ऐसा जिला जिसेक सभी 246 पंचायतों में अपना खुद का पुस्तकालय है। बिहार पुराने ज़माने से ही किसी न किसी बातों के लिए नजीर बनता आ रहा है। इस क्रम में बिहार का एक ऐसा जिला देश में अपना जलवा बिखेर रहा है। इस जिला ने एक ऐसा काम किया जो बिहार ही नहीं पुरे देश में नज़ीर पेश किया है। यह जिला देश में पहला ऐसा जिला बना जहाँ हर पंचायत में लाइब्रेरी है।

पहले चरण में सभी पुस्तकालयों को पांच सौ पुस्तकें उपलब्ध कराई गई जो स्थानीय बच्चों , स्कूली छात्रों एवं वरीय नागरिकों के अध्ययन के लिए है। 123 पंचायतों में 31 मार्च तक पुस्तकालय सुचारू रूप से चलने लगा लगेगा जबकि शेष बचे 123 पंचायतों में 30 जून 2021 तक पुस्तकालय सुचारू रूप से चलने लगा। यहाँ हर पंचायत में पुस्तकालय के लिए पंचायत भवन में एक कमरा उपलब्ध कराया गया है जिसमें पुस्तकालय की सभी पुस्तकें रखी रहती है और स्थानीय लोग जाकर इन पुस्तकों को वहीं पढ़ते हैं।
यहाँ के लाइब्रेरी में “पुस्तक दान योजना” से उपलब्ध हुआ है। यह योजना अब रंग दिखाने लगी है। अब तक इस योजना के तहत 65 हजार पुस्तकें मिल चुकी है। पुस्तक दान के लिए जिले में तीन केन्द्र बनाए गए हैं जहां कोई भी व्यक्ति पुस्तकालय के लिए पुस्तक दान कर सकता है। पुस्तकदान के लिए जिला में सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय एवं प्रखंड में प्रखंड संसाधन केन्द्र एवं संकुल संसाधान केन्द्र में पुस्तकें दान स्वरूप ग्रहण की जा रही है। पुस्तक दान करने वाले लोगों को जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए आभार पत्र भी दिया जाता है।
इस जिले ने पुरे देश में मिसाल पेश किया है। जिससे बिहार के जिले ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों के जिले को भी सीख लेनी चाहिए और अपने-अपने जिले के हर पंचायत या गाँव स्तर पर पुस्तकालय का निर्माण करना चाहिए। ताकि वहां के स्थानीय युवाओं में पढाई के प्रति एक नया जोश भर दे।