Uncategorized

बिहार में नीरा उत्पादन बदल रहा ज़िंदगी, सेहत और आमदनी दोनों का बना विकल्प

पटना: बिहार में आज नीरा उत्पादन से ग्रामीण क्षेत्रों में आमदनी का जरिया बन गया है। आपको बता दें बिहार में शराबबंदी के बाद कुछ लोगों की आय भी रुक गयी थी। सुदूर गांवो में शराब के धंधे से जुड़े लोगों खासकर महिलाओं को नीरा के रूप में आय का नया विकल्प मिला है। इसके लिए बिहार सरकार आर्थिक मदद कर इस व्यवसाय को बढ़ावा भी दे रही है।

अब आप सोच रहे होंगे कि नीरा होता क्या है? ताड़ और खजूर के पेड़ से जो ताजा रस निकलता है, उसे नीरा कहते है। स्वाद में मीठा और सफेद रंग वाला नीरा सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें 84% पानी के अलावा कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, विटामिन बी, विटामिन बी जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।

बिहार में आय के वैकल्पिक स्रोत के रूप में भी नीरा उत्पादन का अहम योगदान है। नीरा से बनी मिठाइयां, गुड़ आदि लोगों को खूब पसंद आ रहा है। सरकार द्वारा नीरा के उपयोग व उत्पादन को लेकर लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रमुख शहरों में जीविका दीदियां स्टॉल लगाकर इसकी बिक्री भी कर रही हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button