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स्मार्ट सिटी के तहत पूरे पटना की निगरानी अब एक ही छत के नीचे, गड़बड़ करने वाले अब नहीं बख्से जाएंगे

स्मार्ट सिटी का ड्रीम प्रोजेक्ट इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर अगले जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा। इससे पूरे पटना की निगरानी एक ही छत के नीचे से होगी। इस परियोजना की लागत 178 करोड़ रुपये है। पूरे पटना में 2500 सीसी कैमरे लग रहे हैं। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के लिए 220 किमी की दूरी में केबल बिछ रहा है। मानसून के दौरान काम बाधित हुआ था, लेकिन अब इसके काम में तेजी आयी है। गंगा पथ दीघा से पीएमसीएच तक 40 उच्च क्षमता के कैमरे लगाये जा चुके हैं।
इस परियोजना के अंतर्गत 50 स्थानों पर 50 इमरजेंसी कॉल बॉक्स एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में 10 जगहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लग चुके हैं, जो पुलिस कार्यालय, दीघा रोटर गंगा पाथवे, डाकबंगला चौराहा, करगिल चौक, जेपी गोलंबर आदि पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स और पब्लिक एड्रेस सिस्टम मौजूद हैं। आपदा, आपात और दुर्घटना होने आदि की परिस्थिति में आम नागरिक इमरजेंसी कॉल बॉक्स के माध्यम से सीधे कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं। वहीं, प्रशासन द्वारा पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जनहित में सूचना प्रसारित की जाएगी।

गंगा पथ दीघा से पीएमसीएच तक 40 उच्च क्षमता के कैमरे लगाये जा चुके हैं।



270 कैमरे से हो रही निगरानी
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर परियोजना के वर्तमान में गंगा पाथवे, पुलिस कार्यालय, डाकबंगला चौराहा समेत कुल 70 स्थानों पर 170 कैमरे लगाए जा चुका हैं। वहीं पहले से लगे सर्विलांस के लिए 100 सीसी कैमरे को भी इसी परियोजना के साथ जोड़ दिया गया है। फिलहाल पटना में 270 कैमरे से निगरानी की जा रही है। वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना के कार्यालय परिसर में अवस्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भवन के पहले तल पर सर्वर रूम का कार्य भी तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। वहीं दूसरे तल एवं तीसरे तल पर विभिन्न सेवाओं की मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जा रही है। एक बड़े से स्क्रीन पर एक साथ पूरे पटना पर निगरानी रखने की पूरी तैयारी की जा चुकी है।

इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर जल्द ही पूरा हो जाएगा
इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर में पटना ट्रैफिक पुलिस मौजूद रहेगी। इस कंट्रोल रूम में जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तब से कमांड सेंटर में पुलिस और प्रशासन का नियंत्रण कक्ष शिफ्ट हो जाएगा। दूर से ही ट्रैफिक नियम को तोड़ने वालों की पहचान कर ली जाएगी। वाहन के नंबर प्लेट को कैमरा देख लेगा और नियम तोड़ने पर चालान काटा जा सकेगा। यह प्रोजेक्ट क्षेत्र विशेष और पूरे पटना के लिए है।

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