पटना: बिहार के अमरीश की एक कलाकृति को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। इस कलाकृति को नारियल रस्सी, कच्चा रक्षा सूत्र, चावल, गेहूं, बांस के डलिया का प्रयोग कर के बनाया गया है। इस कलाकृति को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिलना पूरे बिहार के लिए फक्र की बात है।

छात्र अमरीश ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया था, जिसे अब स्वीकृत कर लिया गया है। अमरीश की राखी को बिल्कुल प्राकृतिक रूप से तैयार किया गया है जिसमें में नारियल रस्सी, कच्चा रक्षा सूत्र, चावल, गेहूं, बांस के डलिया का प्रयोग किया गया है। राखी पर लाल रंग की एक पट्टी है, जिसपर उजले रंग से महामृत्युंजय जाप का उल्लेख किया गया है। राखी में 6 फीट और 6 फीट का दोनों तरफ लंबा रक्षा सूत्र लगाया गया है जिससे विशाल पीपल के पौधा में बांधा जा सके।
पहले भी इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है अमरीश का नाम
अमरीश ने पहले भी धान की भूसी से तिरंगे के रंग में विलीन 900 वर्ग फीट का रंगोली बनायी थी। जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली थी. अब राखी के लिए भी इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड टीम ने जगह दे दी है. एक साल में लगातार दो रिकॉर्ड अमरीश ने बिहार से दर्ज कराया है। अमरीश कलाकृति मंच नाम की संस्था चलाते हैं। जहां जरूरतमंदों को फ्री में ट्रेनिंग दी जाती है।
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