कुढ़नी की हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा के बयान के मायने
पटना: आज कुढ़नी उपचुनाव में जीत के बाद जहां एक ओर भाजपा में जश्न का माहौल है, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ पार्टी जदयू-राजद में मायूसी छायी है। ऐसे में बिहार के नेताओं के बयानों की बाढ़ सी आ गयी है। इशारों ही इशारों में जीत का श्रेय और हार का ठीकरा फोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के एक ट्वीट ने पार्टी के अंदरूनी मतभेद पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिसमें उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी ही पार्टी के सबसे बड़े नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। हालांकि अपने ट्वीट में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार का जिक्र नहीं किया है।

उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट में क्या कहा?
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा- ‘क्या हार में, क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं। कर्तव्य पथ पर जो मिला, यह भी सही वो भी सही।।’ कुढ़नी के परिणाम से हमें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। पहली सीख-‘जनता हमारे हिसाब से नहीं बल्कि हमें जनता के हिसाब से चला पड़ेगा।’
कुशवाहा के इस ट्वीट को बिहार में लागू शराबबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि इससे पहले भी उपेंद्र कुशवाहा ने शराबबंदी को लेकर ऐसे बयान दिये, जिससे साफ होता है वो शराबबंदी को सही नहीं मानते। कुशवाहा ने कहा, ‘जनता हमारे हिसाब से नहीं बल्कि हमें जनता के हिसाब से चला पड़ेगा’ आखिर किस बात के लिए जनता के हिसाब से चलने को कह रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा? और किसको चलने के लिए कह रहें हैं? अपनी पार्टी को या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को?