- महिला पुलिस अनुपात के मामले में बिहार पूरे देश में सर्वोच्च स्थान पर है। बिहार में महिलाओं के लिए सभी स्तर पर 50% आरक्षण दिया जा रहा है।
- सरकारी शिक्षकों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने वाला पहला राज्य
पटना: महिलाएँ हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं। फिलहाल यह बात सिर्फ उपदेश और नारों में ही इस्तेमाल की जाती है। हमारे समाज में महिला पुरुष बराबरी के लिए अभी भी बहुत बदलाव की आवश्यकता है। महिलाओं के लिए हम महिला सशक्तीकरण दिवस मनाते हैं। जिसमे हम महिलाओं द्वारा किए गए त्याग और बलिदान की बात करते हैं। अक्सर सोशल मीडिया पर हम महिलाओं की उपलब्धि और उनके बलिदानों के बारे में हजारों शब्दों के लेख लिख देते हैं पर क्या हकीकत में महिला और पुरुष का समान स्थान है? हालांकि देश में अब महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। दूसरे राज्यों सहित बिहार में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए योजनाए शुरू की जा रहीं है।

आधी आबादी की सीधी भागीदारी
बिहार देश का पहला राज्य है जिसने महिलाओं के लिए पंचायतों और नगर निकायों के सभी स्तर पर 50% आरक्षण दिया है। उसके बाद अन्य कई राज्यों के द्वारा इसे दोहराया गया। पिछले वर्ष हुए पंचायत चुनाव में बिहार में औसतन 57% पंचायत स्तर के पदों पर महिलाएँ क़ाबिज़ है। आरक्षण प्राप्त होने के कारण राजनीति कार्यों के निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। राज्य में वर्तमान समय में कुल 8442 मुखिया में पांच हजार महिला मुखिया है। जिला परिषद हो या नगर निगम, अब हर जगह धीरे धीरे महिलाओं की मौजूदगी दिखनी शुरू हो गई है।
सरकारी नौकरी में आधी आबादी को पूरी आजादी
राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण, फरवरी 2016 से लागू हुआ। इसमें पुलिस और न्यायिक सेवाओं में दिए जाने वाले आरक्षण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
देश में सार्वधिक महिला पुलिस बिहार पुलिस
महिला पुलिस अनुपात के मामले में बिहार पूरे देश में सर्वोच्च स्थान पर है जहां कुल पुलिस का 27.30 % हिस्सा महिला पुलिस का है। पुलिस बल में सिपाही से अवर निरीक्षक तक के पदों पर सीधी नियुक्ति में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2005 में पूरे बिहार में कुल 893 महिला पुलिसकर्मी थी लेकिन आज वो बढ़कर लगभग 25000 हो गई है। बिहार में पहली बार महिला बटालियन का गठन हुआ। सभी 40 पुलिस जिलों एवं 4 रेल पुलिस जिलों में एक-एक महिला थाना की स्थापना की गई। अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए स्वाभिमान बटालियन का गठन हुआ। बिहार के 500 थानों में महिला हेल्पडेस्क है जबकि 250 थानों में महिला परामर्शी है। 11 जून 2018 को 9,900 सिपाहियों की बहाली के नतीजे आये थे। इन पदों के लिए 6,643 महिलाओं और 3,196 पुरुषों का चयन हुआ है। यानी 67.52 फ़ीसदी पदों पर सिर्फ महिलाएं चुनी गई हैं।
सरकारी शिक्षकों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने वाला पहला राज्य
प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों के नियोजन में महिलाओं के लिए 50% स्थान आरक्षित किया गया। पूर्व (2005) में 19% महिला शिक्षिकाऍं थी। अब 39% हो गई है। वर्तमान में बिहार में कुल 3,79,735 महिलाएं प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। कक्षा एक से 8 तक की प्रारंभिक शिक्षिकाओं को नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया एवं 1.30 लाख महिला शिक्षिकाओं की बहाली की गयी।