पटना: बिहार अपने पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां हर धर्म के मानने वाले बड़ी ही आस्था से घूमने आते हैं। बिहार अपने ऐतिहासिक धरोहरों के लिए भी जाना जाता है।इतना ही नहीं यहां प्राकृतिक सुंदरता के भी रोमांचकारी दृश्य मौजूद हैं। अपनी इन्हीं अजूबी जगहों के कारण बिहार में दुनियाभर के पर्यटक सैर करने आते हैं। आइए जानते हैं बिहार के विश्वविख्यात धरोहरों के बारे में….

महाबोधि मंदिर
बोधगया में स्थित बोधी मंदिर यूनेस्को का हेरिटेज प्लेस है। यहां वही बोधि वृक्ष बना हुआ है, जिसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह जगह 2000 साल पुरानी है। इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था ऐसी है कि यहां हर साल हिंदू और बौद्ध धर्म के हजारों लोग आते हैं।
बार बार हिल्स पर गुफाएं
बिहार के जहानाबाद की यह गुफा घूमने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। इस गुफा की स्थापना 322-185 ईसा पूर्व में हुई थी। बार बार की पहाड़ियों में चार और नागार्जुन की पहाड़ियों में तीन गुफाएँ हैं। कहा जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण अशोक के पौत्र दशरथ मौर्य ने करवाया था।
विक्रमशिला विश्वविद्यालय
बिहार के भागलपुर से कुल 50 किमी की दूरी पर स्थित विक्रमशिला उनचारबी देखने लायक है। कहा जाता है कि पाल राजा धर्मपाल ने 8वीं शताब्दी के अंत और 9वीं शताब्दी के प्रारंभ में विक्रमशिला विश्वविद्यालय का निर्माण करवाया था। 100 एकड़ में फैला यह विश्वविद्यालय सीखने के लिए एक बेहतरीन जगह है। इसे 1193 में बख्तियार खिलजी द्वारा नष्ट कर दिया गया था। अब इस स्थान का उपयोग विक्रमशिला उत्सव के लिए किया जाता है।
रोहतासगढ़ किला
यह बिहार के छोटे से शहर रोहतास में स्थित एक बहुत प्रसिद्ध और पुराना किला है। कहा जाता है कि इस किले की स्थापना राजा हरिश्चंद्र ने की थी, जिन्होंने अपने बेटे रोहताश्व के नाम पर किले का नाम रखा था। किले पर एक ऊँची पहाड़ी है, जिस तक पहुँचने के लिए लोगों को 2000 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यहां का गणेश मंदिर, आइना महल और हब्श खान का मकबरा किसी अजूबे से कम नहीं है।
शेर शाह सूरी का मकबरा
शेर शाह सूरी का मकबरा बिहार के सासाराम नामक शहर में स्थित है। इसे बादशाह शाह सूरी की याद में बनवाया गया था। बता दें कि शाह सूरी एक पठान थे और उन्होंने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया। इस मकबरे को आर्किटेक्ट अलावल ने डिजाइन किया था। इस मकबरे की ऊंचाई 122 फीट है। बहुत कम लोग जानते हैं, लेकिन इसे भारत का दूसरा ताजमहल कहा जाता है। इसी वजह से लोग इसे ताजमहल की तरह बिहार का अजूबा मानते हैं।
अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ वैशाली, बिहार में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है। स्तंभ के शीर्ष पर एक सिंह की मूर्ति है, जिसे अशोक ने बनवाया था। 18.3 मीटर ऊंचाई पर बने इस स्तंभ के पास रामकुंड तालाब को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लोग बताते हैं कि राजा अशोक बौद्ध धर्म को बहुत मानते थे।