
भारत ने दो बड़े हादसे देखे हैं। जिसमें जान और माल का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। पहला हादसा गुजरात का मोरबी पुल का है और दूसरा हादसा उड़ीसा रेल दुर्घटना है। 30 अक्टूबर 2022 को मोरबी पुल के टूटने से 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इस हादसे को बीते हुए अभी साल भर भी नहीं हुआ कि उड़ीसा रेल दुर्घटना हो गयी। उड़ीसा के बालासोर में हुए इस हादसे में लगभग 300 लोगों की जान चली गयी। रेल दुर्घटना में घायलों की संख्या भी हजार के पार है।
मोरबी की घटना गुजरात में हुई जहां बीजेपी सरकार में है। जान माल के इस बड़े नुकसान पर बीजेपी ने मुआवजे का मरहम तो लगाया पर कार्रवाई के नाम पर जीरो। 150 परिवारों को तबाह करने वालों को आखिर बीजेपी सरकार ने क्यों नहीं पकड़ा। अभी बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने पर प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने खूब बयानबाजी की। महागठबंधन ने इस पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया। सुल्तानगंज-अगुआनी पुल के बहाने बीजेपी को मोरबी पुल हादसे की याद गिलाई गई।
उड़ीसा रेल दुर्घटना और मोरबी पुल हादसाः बीजेपी पर बड़ा सवाल है!
इधर उड़ीसा रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तिफा मांगा गया। बिहार के सीएम और पूर्व में रेलमंत्री रहे नीतीश कुमार ने हमारे समय में जब एक हादसा हुआ था तो हमने इस्तीफा दे दिया था। नीतीश कुमार ने कहा कि उड़ीसा हादसे की पूरी जिम्मेदारी बीजेपी को लेनी चाहिए।
दोनों घटनाओं को लेकर बीजेपी पर सवाल उठने लगे हैं। आखिर क्या कारण है कि बीजेपी की राज में इतने बड़े हादसे हो रहे हैं? The India top से बातचीत में लोगों ने बीजेपी की कार्यप्रणाली को सेलेक्टिव अप्रोच वाला बताया। कहा कि बीजेपी गरीबों के लिए कुछ नहीं सोचती। यह खास पार्टी है खास लोगों के लिए सोचती है।