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300 मौतों पर भी खामोश क्यों है बीजेपीः उच्चस्तरीय जांच की मांग तेज, प्रभावितों को मिले उचित मुआवजा

उड़ीसा में भीषण रेल दुर्घटना हुई। इस दुर्घटना में अलग-अलग रिपोर्ट के अनुसार 300 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अस्पतालों में लगभग 1000 यात्री जीवन और मौत की जंग लड़ रहे हैं। रेलवे की यात्री सुरक्षा प्रणाली संदेह के घेरे में है। इस घटना के बाद रेलवे से यात्रा करने वालों के दिलो दिमाग में जान जोखिम में होने का डर हमेशा लगा रहेगा। जिस तरह से तीन ट्रेनों की भिड़त का यह मामला सामने आया है, प्रथम दृष्टया यह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। यात्री सुरक्षा प्रणाली में इतनी बड़ी चूक के सभी लोग अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं।
उड़ीसा रेल हादसे के बाद से जनता में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बीजेपी सरकार के खिलाफ भर गया है। जनता अश्विनी वैष्णव के उस बयान को याद दिला रही है जिसमें रेल मंत्री बनते ही उन्होंने कहा था कि अगर बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया जाय तो रेल हादसों को टाला जा सकता है। इस बयान के साथ जनता बीजेपी से पूछ रही है कि क्या रेल विभाग नई और बेहतर तकनीक सिर्फ प्रिमियम ट्रेनों के लिए इस्तेमाल कर रही है। जनता ट्विटर और अन्य सोशल माडिया के माध्यम से सवाल पूछ यात्री रही है कि सुरक्षा प्रणाली के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले सिंग्नल सिस्टम में रेलवे ने किस नई तकनीक का उपयोग किया है। इस बारे में सरकार को जवाब देना चाहिए।

बिहार के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रेलमंत्री नीतीश कुमार ने क्या कहा
उड़ीसा रेल हादसे को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रेलमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। सरकार से घायलों के इलाज के लिए पूरी सहायता उपलब्ध कराने एवं उचित मुआवजे की भी अपील की है।
पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद ने बीजेपी को घेरा
लालू यादव ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की अपील की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार म-तकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा और घायलों को 5-5 लाख मुआवजा दे। बाजेपी सरकार और रेल मंत्री पूरी घटना की जिम्मेदारी लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे।

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