
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू हुआ। जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहा। बीजेपी के हंगामे की वजह से पहले दिन की कार्यवाही 16 मिनट के बाद ही स्थगित हो गई। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने अगले दिन 11 बजे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। कारण था बीजेपी द्वारा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग। BJP कहना था कि चार्जशीटेड व्यक्ति को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। BJP के हमले का जवाब राबड़ी देवी ने दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ बोलने वाले पर ED और CBI लगा दिया जाता है। बिना किसी बात के ही चार्जशीट भी दाखिल कर दिया जाता है।
बिहार विधान सभा में हंगामे के मुख्य कारण ये हैं।
- नई शिक्षक नियमावली।
- शिक्षक आंदोलन
- डोमिसाइल नीति।
- डिप्टी तेजस्वी यादव को सीबीआई द्वारा चार्जशीटेड करने का मामला।
- तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग।
- शिक्षा मंत्री और के.के. पाठक विवाद।
कार्यवाही के दौरान मोबाइल के उपयोग की हुई मनाही।
मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के सदस्यों से एक महत्वपूर्ण अपील की। सदस्यों से कहा गया कि कार्यवाही के दौरान कोई भी तस्वीर या वीडियो न बनाए। इससे सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचती है। वहीं सदस्यों से अपील की गई कि वो अपना मोबाइल साइलेंट मोड पर रखें।
दूसरे दिन भी हुआ हंगामा।
हंगामे के बीच चार दिवसीय मानसून सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हुई। बिहार विधानसभा की कार्यवाही को BJP ने बाधित किया। तेजस्वी यादव ने बताया कि सदन की मर्यादा का ख्याल रखे बिना कुर्सियां तक उछाली गई। RJD नेता ने आगे आरोप लगाया कि बीजेपी जनता का समय बर्बाद करने में लगी है। सदन की कार्यवाही बाधित करने आखिरी रूप से जनता का ही नुकसान होता है। दूसरे दिन भी लगातार हो रहे हंगामे के कारण कार्यवाही को अगले दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।