
एनडीए से अलग होने के बाद जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के मुखिया नीतीश कुमार ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभिन्न राज्यों में जाकर वहां की पार्टियों के मुखिया से मुलाकात कर रहे हैं। बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए सभी छोटी-बड़ी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला जारी है। नीतीश कुमार 2024 में नरेंद्र मोदी को पटखनी देने के लिए विपक्षी एकजुटता को बढ़ा रहे हैं। अब तक नीतीश कुमार ने जितनी मुलाकातें इस सिलसिले में की हैं वो सफल रही हैं। नीतीश कुमार की इस मुहिम को देखकर बीजेपी के नेताओं चेहरे पर शिकन साफ दिखाई दे रहा है। इसलिए गाहे बगाहे मंचों से बीजेपी भी विपक्षी एकता पर कुछ न कुछ बोलती जरूर है।
विपक्षी एकजुटता पर कितने नेताओं से मिल चुके हैं नीतीश कुमारः
नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता के लिए उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी(सपा) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की है। दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल से भी नीतीश कुमार ने मुलाकात की। अपने दिल्ली प्रवास के दौरान नीतीश कुमार ने कांग्रेस के आला नेताओं से भी मुलाकात और बातचीत की है जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। नीतीश कुमार ने दिल्ली दौरे से पहले पं. बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) नेता ममता बनर्जी से भी विपक्षी एकता को लेकर मुलाकात की। अभी हाल ही में उड़ीसा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक से भी नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को लेकर मुलाकात की है और महाराष्ट्रमें शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार और झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन से भी नीतीश कुमार की मुलाकात सफल रही है।बिहार, झारखण्ड, पं.बंगाल, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र में लोकसभा की 210 से ज्यादा सीटें हैं इन्हीं को साधने में नीतीश कुमार लगे हैं।
विभिन्न राज्यों में कमजोर पड़ रही है बीजेपीः
2019 के मुकाबले बीजेपी कमजोर होती जा रही है। हिमाचल की हार से नरेंद्र मोदी और बीजेपी को करारा झटका लगा है। कर्नाटक चुनाव के एक्जीट पोल में भी अब सामने आ चुके हैं। सभी सर्वे में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत दिखाई जा रही है। 2023 में नवंबर महिने में हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस पहले से ही सत्ता में है और मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत दिख रही है। अलग- अलग राज्यों में कमजोर पड़ती BJP के लिए 2024 का चुनाव खतरे का संकेत दे रही है। जानकार बताते हैं कि अगर बीजेपी इसी तरह हार होती रही तो 2024 में नरेंद्र मोदी की ताजपोशी मुश्किल में पड़ सकती है।
विपक्षी पार्टियों का हो रहा क्षेत्र विस्तारः
भाजपा की विरोधी पार्टियां लगातार अपनी शक्ति बढाने में लगी है। जनता दल यूनाइटेड आज बिहार के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत बनाने में सफल हुई है। आम आदमी पार्टी भी दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में अपनी सरकार बना चुकी है और एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित हो चुकी है। प. बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में TMC ने BJP को धूल चटा दी। उड़ीसा में नवीन पटनायक का किला भेद पाने में बीजेपी लगातार असफल हो रही है। बिहार में जदयू ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर सरकार से बाहर कर दिया है। पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है।