
अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनावी अखाड़े में एक बार फिर सभी पार्टियां, पक्ष और विपक्ष अपनी किस्मत आजमाएंगी। लेकिन यह चुनाव 2019 के चुनाव से अलग होने वाला है। बीजेपी को मात देने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां फिर से एकजुट हो रही हैं और इन्हें एकजुट करने की जिम्मेदारी नीतीश कुमार के कंधों पर है। बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री और महागठबंधन के अगुआ नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने के लिए लगातार मुलाकात और बातचीत कर रहे हैं।
नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों को तरजीह दी है। बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, ओड़ीसा में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, झारखंड में हेमंत सोरेन की झामुमो, दिल्ली एवं पंजाब में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और महाराष्ट्र की एनसीपी एवं शिवसेना को जोड़कर नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
बीजेपी के खिलाफ क्या नीतीश कुमार एक मजबूत टीम बना पा रहे हैं यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन अभी तक जो स्थिति साफ हो पाई है उसमें इन सभी विपक्षी पार्टियों से नीतीश कुमार ने पहले दौर की वार्ता कर ली है। बतौर नीतीश कुमार का दावा है कि उनकी अब तक की बातचीत सफल रही है। सूत्रों की जानकारी के अनुसार आगामी दिनों में बिहार की राजधानी पटना में इन सभी पार्टियों की एक बैठक होने वाली है। जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल होगी। विपक्षी पार्टियों की यह बैठक मिशन 2024 को सफल बनाने की दिशा में पहला पड़ाव होगा।इसी बैठक में आगे की रणनीति तैयार की जायेगी। वहीं इस बैठक को लेकर बीजेपी खेमे में भी हलचल तेज हो गई।