
सिद्धारमैया ने कर्नाटक सीएम पद की शपथ ली और इस शपथ ग्रहण समारोह के बहाने कांग्रेस ने विपक्षी एकता का शक्ति प्रदर्शन किया। लगभग साल भर से विपक्षी एकता के लिए जो मुहिम नीतीश कुमार चला रहे थे आज उसकी एक झलक बंगलुरू के कांतीरावा स्टेडियम में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान देखने को मिली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तमिनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पीडीपी अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, मक्कल निधि मय्यम के अध्यक्ष कमल हसन, सीपीएम अध्यक्ष सीताराम येचुरी एवं सीपीआई महासचिव डी राजा शामिल रहे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी विशेष कारणों से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई। हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक की जीत से कांग्रेस पार्टी और विपक्षी एकता मजबूती मिली है। कर्नाटक शपथ ग्रहण समारोह में तमाम विपक्षी पार्टियों की एक जुटता को देखकर बीजेपी के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि बंगलुरु के इस कार्यक्रम में बिहार में होने वाले विपक्षी पार्टियों की बैठक को लेकर अंतिम निर्णय लिया जा चुका है।
कर्नाटक सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में किसे मिला निमंत्रण और किससे कांग्रेस ने दिखाई दूरी।
कर्नाटक विधान सभा चुनाव को जीतने के बाद सीएम पद के लेकर कांग्रेस शुरुआती खिंचातानी देखने को मिली थी लेकिन जल्द कांग्रेस पार्टी ने इस समाप्त कर सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगा दी। बैगलुरु में 18 मई को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुई जिसमें तमाम विपक्षी पार्टियों को न्योता भेजा गया। कांग्रेस की तरफ जिन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बुलाया गया उनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तमिनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, यूपी के पूर्व सीएम एवं सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पीडीपी, फारूख अब्दुल्ला, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, मक्कल निधि मय्यम के अध्यक्ष कमल हसन सीपीएम अध्यक्ष सीताराम येचुरी एवं सीपीआई महासचिव डी राजा शामिल हैं। हलांकि इस बात पर लोगों कि नजर थी कि क्या कांग्रेस पार्टी आप नेता अरविंद केजरीवाल और उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक और बसपा सुप्रीमो मायावती को भी आमंत्रित करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।