
पटना: बिहार के जागरूक किसान परंपरागत खेती के अलावा भी बेहतर आमदनी के लिए नई फसल व फलों की खेती करने में आगे आ रहे हैं। चकाचौंध भरे शहरी जीवन को अच्छा और गांव के जीवन को पुराना व पिछड़ा समझने की गलती करने वालों को ये सबक है। अगर नई लीक पकड़ कर मेहनत से काम किया जाए तो सबकुछ गांव में भी मिल सकता है। ऐसे माहौल मेें जहां अधिकतर किसान खेती छोड़ दूसरे व्यवसाय की ओर रूख कर रहे हैं।
वहीं भागलपुर के बिहपुर प्रखंड के झंडापुर के युवा सौरभ कुंवर ने एमबीए व कंप्यूटर इंजीनियरींग करने के बाद मिली नौकरी छोड़ फसल की खेती, बागवानी एवं मत्स्यपालन को अपना करियर बनाया। अब सौरभ गांव में ही अब स्ट्राबेरी, टमाटर, शिमला मिर्च, सेब व खीरा भी उगाएगें। इसकी खेती करने वाले इच्छुक किसानों को 25 लाख रुपये तक का अनुदान सरकार की ओर से दिया जा रहा है।
इसके लिए झंडापुर में नीतीश सरकार के एफएलडी योजना के तहत नेट हाउस तैयार हो गया है। इस नेट हाउस के पूरे सेटअप को तैयार करने में सील बायोटेक कंपनी के कर्मी जुटे हुए हैं। सौरभ ने बताया कि इस नेट हाउस में पूरी खेती जैविक खाद से होगी।
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इसके अंदर खेती अनुरूप न सिर्फ निर्धारित तापमान रहेगा,बल्कि कृत्रिम एवं प्राकृतिक बारिश का पानी फसल व फलों की खेती को मिलेगा। इस नेट हाउस की खेती में कम जगह व कम समय में अधिक मुनाफा किसानों को होगा।
गंगापार यानि नवगछिया अनुमंडल का यह क्षेत्र वातावरण के हिसाब से स्ट्राबेरी,सेब व फूल आदि फसल की खेती के लिए अनुकूल नहीं है। लेकिन इस नेट हाउस में ऐसी खेती को उसके अनुसार वातावरण मिलेगा।नेट हाउस के साथ ही जैविक खाद उत्पादन व भंडारण भी होगा।इसके लिए वर्मी कंपोस्ट टैंक/ईकाई का भी निर्माण हो रहा है।
गैर-परंपरागत खेती कर के हजारों किसान आमदनी के साथ साथ समाज के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।