
DESK : मॉरीशस की शेल कंपनी इलारा कैपिटल अडानी डिफेंस फर्म में को-ओनर है। इलारा वही कंपनी है जिसका नाम हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में प्रमुखता से आया था। अडानी डिफेंस फर्म Alpha Design Technologies Private Limited (ADTPL) में इलारा को-ओनर है और इसमें 9000 करोड़ का निवेश है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने खुलासा किया था कि इलारा नाम की कंपनी ने अडानी ग्रुप में 24,766 करोड़ निवेश किया है जो उसकी कुल पूंजी का 99% है।
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जाहिर है कि यह एक फर्जी कंपनी है जिसके जरिए अडानी ग्रुप में कालाधन का कारोबार होता है। यह इसरो और डीआरडीओ के साथ काम करती है। इसका मतलब कि भारत का सुरक्षा क्षेत्र कालेधन माफियाओं के हवाले किया जा चुका है।
सरकार संसद में चर्चा नहीं कर रही है और न ही जेपीसी जांच की मांग मान रही है। अडानी का मामला कोई साधारण घोटाला नहीं है। यह एक विशाल देश की संप्रभुता को एक व्यापारी के हाथ गिरवी रख देने का अंतरराष्ट्रीय रैकेट है। यह भयंकर किस्म का देशद्रोह है। कोई एजेंसी इसकी जांच नहीं कर सकती क्योंकि सब की सब एजेंसियां सरकार की जेब में हैं और सरकार अडानी की जेब मे है।