Business

भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला, अब निजी हाथों में लीज पर दिए जायेंगे स्टॉक में पड़े कोच

THE INDIA TOP सेंट्रल डेस्क : भारतीय रेलवे के स्टॉक में पड़े कोचों को अब निजी कंपनियों को बेचने की तैयारी हो रही है | रेलवे ने आज बयान जारी करते हुए बताया कि कोचिंग स्टॉक और बेयर शेल्स को लीज पर देने की योजना बनाई गई है। बेयर शेल्स वो कोच होते हैं जो किसी वजह से उपयोग में नहीं हैं। आमतौर पर कम उपयोगिता को देखते हुए रेलवे बेयर शेल्स कोच को कबाड़ में बेचती है लेकिन कई ऐसे भी कोच होते हैं जो सही तो हैं लेकिन स्टॉक में पड़े हैं। इस बयान के मुताबिक अब इन कोचों का इस्तेमाल हो सकेगा |

भारी मात्रा में खरीद पर लीज शुल्क नहीं: रेलवे के आधिकारिक बयान के मुताबिक इच्छुक पार्टियां रेलवे कोचों की एकमुश्त खरीद कर सकती हैं। भारी मात्रा में खरीद पर लीज शुल्क नहीं है। इच्छुक पार्टियों को कोचों में मामूली सुधार की अनुमति है। वहीं, लीज की न्यूनतम अवधि 5 साल प्रस्तावित है। इच्छुक पार्टियों को कम से कम 5 साल के लिए कोचों को खरीदना होगा |

5 साल की अवधि कोचों की कोडल लाइफ तक बढ़ाई जा सकती है। अगर कोच की स्थिति ठीक रही तो लीज की अवधि बढ़ जाएगी। प्रमुख बात ये है कि इच्छुक पार्टी खुद बिजनेस मॉडल (मार्ग, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ आदि) का विकास या निर्णय करेगी। पात्रता मानदंड के आधार पर इच्छुक पार्टियों के लिए आसान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी होगी।

अन्य विशेषताएं: रेलगाड़ी के भीतर विज्ञापनों की अनुमति, रेलगाड़ी की ब्रांडिंग की भी अनुमति होगी। रेल कोच चलाने वाली कंपनियों को समय की पाबन्दी को प्राथमिक तौर पर देखना होगा । कोच नवीनीकरण और यात्रा कार्यक्रमों के लिए समय पर मंजूरी के अलावा रखरखाव संचालनों के लिए कोई हॉलेज नहीं मिलेगी।

अनिल अंबानी के जीत से निवेशकों की किस्मत चमकी, खूब बनाए पैसे

रेलवे के मुताबिक आम जनता के बीच थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट रेलगाड़ी चलाने के लिए ये फैसला लिया गया है। रेलवे ने बताया कि नीति निर्माण और नियम व शर्तों के लिए मंत्रालय द्वारा कार्यकारी निदेशक स्तर की समिति भी गठित की गई है

Related Articles

Back to top button