
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में धरना- प्रदर्शन को लेकर ट्रेनों के रद्द होने से फंसे यात्रियों को गंतव्य पहुंचना तो दूर, घर वापसी में भी परेशानी हो रही है. पटना जंक्शन पर बेंगलुरु जानेवाला एक परिवार शुक्रवार की रात दो बजे से फंसा है.
वहीं शनिवार की अहले सुबह पटना जंक्शन पहुंच कर बक्सर जाने के लिए 13 घंटे से ट्रेन के इंतजार में है. शाम पांच बजे तक बड़ी संख्या में पटना जंक्शन पर यात्री फंसे हैं. छोटे-छोटे बच्चे साथ में होने पर परिवार के लोग परेशान हैं. खाने-पीने को लेकर भी यात्रियों को दिक्कत हो रही है. बीच में फंसे होने के कारण उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा है. उन्हें यह भी सही जानकारी नहीं मिल रही है कि ट्रेनों का परिचालन कब से शुरू होगा. कई यात्री 24 घंटे से फंसे हुए हैं.
बक्सर की रहनेवाली मीरा देवी अपने दो बेटों के साथ संघमित्रा ट्रेन से बंगलोर जाने के लिए शुक्रवार को दानापुर पहुंची थी. उन्होंने बताया कि ट्रेन के रद्द होने पर देर रात दो बजे पटना जंक्शन पहुंची कि यहां से कोई ट्रेन मिल जायेगी. ट्रेन के रद्द होने से बेंगलुरु जाना तो दूर बक्सर जाना भी आफत हो गया है. कम से कम अपने घर तो वापस चले जाते.
भभुआ रोड से बच्चे के साथ आये एक परिवार को चिड़ियाखाना घूमना महंगा पड़ गया. नेहा कुमारी ने बताया कि बच्चों की जिद पर शुक्रवार को चिड़ियाखाना घूमने आये थे. शाम में पटना जंक्शन पहुंचने पर पता चला कि जाने के लिए कोई ट्रेन नहीं है. अब रात से ही स्टेशन पर है. पटना में कोई अपना नहीं होने की वजह से यहां पर समय बिता रहे हैं.
नेपाल में रह रहे अपने बेटे के यहां से बक्सर अपने घर जाने के लिए पटना जंक्शन पहुंची 50 वर्षीया गीता देवी परेशान दिखी. बातचीत में कहा कि सुबह चार बजे पटना जंक्शन पहुंचे कि कोई ट्रेन मिल जायेगा. शाम हो गया है. पता चला है कि कोई ट्रेन नहीं है. अकेले होने से परेशानी बढ़ गयी है. यहां पर कोई सहयोग नहीं करनेवाला है.