
बिहार में पहली बार प्रश्नपत्र लीक होने के कारण बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करना पड़ा. आयोग की सिफारिश पर डीजीपी ने जांच टीम भी गठित की है. पेपर लीक होने के मामले ने सियासी तूल भी पकड़ लिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आयोग का नाम बदलकर ”बिहार लोक पेपर लीक आयोग” रखने का सुझाव देकर तंज कसा तो पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद पर हमला बोला. बिना नाम लिये मांझी ने लालू-राबड़ी शासनकाल की याद दिलाई है.
67वीं बीपीएससी प्री परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद आयोग ने आनन-फानन में परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया तो सियासी बयानबाजी भी जमकर शुरू हुई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर ट्वीट किया और आयोग पर हमला बोला. तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब “बिहार लोक पेपर लीक आयोग” कर देना चाहिए.’ राजद भी लगातार ट्वीटर के माध्यम से हमलावर है. वहीं अब राजद को घेरने जीतनराम मांझी मैदान में कूद गये हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बीपीएससी पेपर लीक मामले को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने इस ट्वीट में बिना नाम लिये लालू-राबड़ी शासनकाल पर निशाना साधा. जीतनराम मांझी ने लिखा कि ‘जिनके शासनकाल में BPSC सीएम हाउस की कठपुतली बन गई थी,रिज़ल्ट सेटिंग के कारण BPSC अध्यक्ष तक को जेल जाना पड़ा आज वही लोग सरकार के काम-काज पर सवाल उठा रहें हैं. BPSC पेपर लीक मामले पर सरकार कारवाई कर रही है,युवाओं के भविष्य से खेलने वालों को बख़्शा नहीं जाएगा,चाहे कोई हो.’