
PATNA : गांधी मैदान में बिहार दिवस समारोह के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आग्रह किया कि आएं, सब मिलकर बिहार को और आगे बढ़ाएं। बिहार महापुरुषों और सूफी संतों की धरती रही है। इसे फिर से उसी स्थान पर ले जाने में सबका सहयोग चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों से भी अपील की कि सभी एक साथ मिलकर बिहार के विकास में योगदान दें।
बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली है। महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति यहीं हुई थी। भगवान महावीर का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और निर्वाण यहीं हुआ। सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी महाराज, सिखों के 9 वें गुरु तेगबहादुर जी महाराज भी यहां आये थे। सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म भी यहीं हुआ था। वर्ष 2017 में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का 350 वां प्रकाशपर्व धूमधाम से यहां मनाया गया था। प्रकाव पर्व का आयोजन प्रति वर्ष किया जाता है।
बिहार सूफी संतों की भी कर्मभूमि रही है। मनेर शरीफ, खानकाह मुजीबिया, खनाकाह मुनिबिया, मित्तन घाट सूफी संतों की भूमि रही है। बिहार सबसे पौराणिक स्थल है। यह चंद्रगुप्त मौर्य, चाणक्य, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट की भूमि रही है। महान विभूतियों के नाम पर हमलोगों ने चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र, चाणक्य विधि विवि और आर्यभट्ट ज्ञान विवि की स्थापना करायी।
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विश्व प्रसिद्ध पुराने नालंदा विवि को भी फिर से शुरू कराया गया है। बिहार म्यूजिमय अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बिहार में बना है। बिहार म्यूजियम को पटना म्यूजियम से अंडरग्राउंड से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। पहले लड़कियां कम पढ़ने जाती थी। अब लड़कियां की संख्या लड़कों के बराबर हो गई है। इस बार इंटर की परीक्षा में सफल होनेवाली लड़कियों का प्रतिशत लड़कों से ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस समारोह 2023 के उद्घाटन से पहले गांधी मैदान में विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों से संबंधित लगाई गई प्रदर्शनी को भी देखा। शिक्षा विभाग, किलकारी बाल भवन, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शन का भी अवलोकन किया। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष वर्ष 2005 के बाद बिहार में आई आपदा की स्थिति में किये गये बचाव एवं राहत कार्यों पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।