
बिहार के गया से एक दिलचस्प मामला सामने आया है. जहां एक मां ने अपनी शादीशुदा बेटी को मुखाग्नि दी है. दरअसल आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चे अपने मां बाप को मुखाग्नि देते हैं. अगर बेटे नहीं हो तो बेटी यह फर्ज निभाती है. लेकिन मोक्षनगरी गयाजी में जिस मां ने जन्म दिया. उसी मां ने विवाहित बेटी को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया. इस दृश्य को देखकर गया के विष्णुबद श्मशान घाट पर मौजूद सबकी आंखें नम हो गई और यह देखकर पंडित भी हतप्रभ रह गए. दरअसल यह मामला ससुराल में विवाहिता की हत्या से जुड़ा है.
दरअसल दिल्ली में रहने वाली सपना चौधरी की शादी 6 साल पहले विष्णुपद थाना क्षेत्र के चांदचौरा मोहल्ले के रहने वाले हेमंत चौधरी उर्फ डब्बू चौधरी से हुई थी. गुरुवार को ही सपना की मौत गई थी. पुलिस ने उसके शव को हेमंत के घर से बरामद किया था. बेटी की ससुराल वालों ने हत्या कर दी थी. उसकी 3 साल की बेटी रस्म पूरा नहीं कर सकती थी तो मां ने बेटी का अंतिम संस्कार किया. बताया जा रहा है कि सपना के पिता की मौत 8 साल पहले हो चुकी है. उसकी मां ने उसकी शादी करवाई थी
सपना की मां सावित्री देवी ने अपनी बेटी की हत्या का आरोप उसके ससुराल वालों पर लगाया है. मां के बयान पर कार्रवाई करते पुलिस ने दामाद हेमंत चौधरी को गिरफ्तार कर लिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. इस बीच दिल्ली से मृतका की मां सावित्री देवी भी गया पहुंच गईं. शव का पोस्टमार्टम करने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंपना चाहा लेकिन मायके और ससुराल पक्ष के बीच शव को लेने और दाह संस्कार के लिए बहस शुरू हो गई. अंत में मोहल्ले वालों के हस्तक्षेप के बाद शव मृतका की मां को सौंप दिया गया.
मायके वाले शव को विधिवत तरीके से लेकर श्मशान घाट पर आए. लेकिन जब मुखाग्नि देने की बात आई तो मां सावित्री ने आगे बढ़ कर कहा कि मुखाग्नि तो मैं ही दूंगी. मां द्वारा बेटी को मुखाग्नि देने की बात सुनकर वहां मौजूद ब्राह्मण व अन्य लोग एक क्षण के लिए चुप्पी साध गए. लेकिन दूसरे पल ही सावित्री को कहा गया कि आपके और भी बच्चे हैं. उनसे मुखाग्नि दिलवा दीजिए, लेकिन सावित्री देवी नहीं मानीं. जिसके बाद बिना सिले हुए वस्त्र पहनाए गए और वैदिक रीति रिवाज से सावित्री देवी ने अपनी बेटी को मुखाग्नि दी