
Patna : बिहार के सिवान में काला आलू अपना जादू दिखा रहा है। इसके जादू से किसान का चेहरा भी खिल उठा है। सिवान जिला के गोरियाकोठी प्रखंड के करपलिया निवासी किसान सुरेश प्रसाद ने लगभग 2 कट्ठे खेत में एक क्विंटल बीज के साथ इसकी खेती शुरू की थी। किसान ने काला आलू को तैयार भी कर लिया है। किसान ने 120 दिन के बाद 12 क्विंटल काला आलू हार्वेस्ट किया है।वहीं खेती के लिए वह बेगूसराय से बीज मंगाए थे।इस काले आलू की पैदावार से कमाई तो हो ही रही है साथ ही इलाके के अन्य किसान भी इसे लगाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
50 रुपए किलो की दर से बेचा गया ब्लैक पोटेटोवैसे तो ब्लैक पोटैटो की पैदावार बिहार के गिने-चुने जिलों में ही हो रही है। कुछ स्थानों पर ब्लैक पोटैटो (काला आलू) 200 रुपए किलो की दर से बेचे जा रहे हैं। हालांकि, सुरेश प्रसाद मात्र 50 रुपए किलो की दर से बेच रहे हैं। वह अब तक 10 क्विंटल से अधिक आलू बेच चुके हैं। अब उनके पास मात्र एक क्विंटल ब्लैक पोटैटो बचा है।
आमतौर पर ब्लैक पोटैटो की खेती अमेरिका के पर्वतीय क्षेत्र एंडीज में होती है। अब बिहार में भी इसकी फसल उग आयी है।
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ब्लैक पोटैटो की खेती 2 क्विंटल की हुई थी। जिसमें कुल 120 दिन का समय लग गया। वहीं 12 क्विंटल ब्लैक आलू की फसल तैयार होने के बाद साधारण आलू में मुकाबले 8 गुना ज्यादा रेट पर बेच रहे है। सभी लोग आसानी से बेच रहे हैं।वहीं अगर साधारण आलू, (सफेद और लाल आलू) की खेती दो कठ्ठा में बोआई की जाती है।तब कुल खर्च 600 रुपये आता है।बुआई के 80 दिन के बाद 6 क्विंटल की फसल तैयार मिलती है।
लाल और सफेद आलू के मुकाबले इसमें समय ज्यादा लगता है।उसके बाद 10 गुना ज्यादा फसल पायी जाती है। जिससे अच्छी खासी कमाई भी हो रही है।