
सेना अभ्यर्थियों के आंदोलन व बवाल को लेकर सर्वाधिक नुकसान रेलवे को उठाना पड़ा है। इस दौरान बीते दो दिनों में करीब 725 से अधिक ट्रेनें रद्द रही। रेल से सफर करने वाले यात्रियों ने शनिवार और रविवार को करीब 50 लाख रुपये से अधिक का टिकट रद्द कराया है। इससे रेलवे को भारी राजस्व की क्षति हुई है।
रेलवे का यह भी कहना है कि रेल परिचालन नहीं हो रहा है तो डीजल की खपत नहीं हो रही है।रेलवे सूत्रों की माने तो सबसे अधिक यात्री मुजफ्फरपुर से दिल्ली-अमृतसर रुट पर करते है। इसके बाद हावड़ा-कोलकता रुट पर करते है। इसके बाद ही गुजरात, राजस्थान और अन्य प्रदेशों के लिए भी होता है।
बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर में दिल्ली-अमृतसर रुट के लिए बुक टिकट शनिवार और रविवार को कम से कम 47 सौ टिकट कैंसिल हुए है। वहीं, हावड़ा-कोलकता के लिए 18 सौ से अधिक रहा है। इससे 50 लाख रुपये से अधिक टिकट रद्दीकरण के खिलाफ ग्राहकों को रेलवे ने दिया है.
हावड़ा जाने वाले दिघरा की रेल यात्री कुसुम कुमारी और नवीन कुमार ने बताया कि उनका टिकट रविवार का था। लेकिन, सुबह में टिकट रद्द होने की जानकारी रेलवे द्वारा मोबाइल पर सूचना दी गई। बताया कि हाथों हाथ रुपये भी रेलवे ने रिफंड कर दिये है। इधर, सूरज कुमार, सुमन कुमारी और वीणा पंडित ने बताय कि उनलोगों को जसीडीह जाना था। लेकिन ट्रेन रद्द होने से यात्रा नहीं कर सकी।
हालांकि, इसकी अधिकारिक सूचना या अधिसूचना रेलवे की ओर से जारी नहीं की गई है। फिलहाल रविवार को पूरे ने 362 ट्रेनों को रद्द किया है। इसमें से मुजफ्फरपुर जंक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या 69 है। शनिवार को 40 ट्रेन रद्द थी। दो दिन मिलाकर 109 ट्रेन रद्द रही।