
द इंडिया टॉप, सेंट्रल डेस्क : बिहार में सभी शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय के सफाई कर्मियों की मांग को लेकर हरताल पांचवें दिन भी रही जारी। पटना में शनिवार की सुबह एक भी कचरा उठाने वाला वाहन, कचरा उठाव के लिए नहीं निकल सका। हालांकि आउटसोर्स कर्मी कार्य के लिए यार्डों में पहुंचे जिसके बावजूद भी डोर टू डोर वाहन कचरा उठाव के लिए नहीं निकला। पटना की तमाम गलियों में जगह-जगह पर कचरे का ढेर जमा पाया गया है। इस बीच सुबह के वक्त हल्की बारिश होने के वजह से स्थिति और भी ज्यादा बुरी हो गयी है। कई इलाकों में तो लोगों का घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। अब सबकी निगाहें नगर विकास विभाग एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर के साथ दोपहर 12 बजे से सचिवालय में होने वाली वार्ता पर टिकी हुई हैं।
अगर आज हड़ताली कर्मचारियों से समझौता हो जाता है तो पुरे पटना में युद्ध स्तर पर कचरा उठाव की तैयारी है। हड़ताल जारी रहने की स्थिति में दंडाधिकारी और फोर्स के सहारे कचरा उठाव पटना के गलियों में प्रारंभ करने की कोशिश होगी। पटना में पिछले पांच दिनों से डोर टू डोर कचरा उठाव का कार्य बंद है। सिर्फ रात में शहर की मुख्य सड़कों से कचरा उठाया जा रहा है। पटना की गलियों और सड़कों पर लगभग 3600 टन से भी अधिक कचरा जमा होने का अनुमान है। पटना में प्रतिदिन एक हजार टन कचरा निकलता है। नगर निगम, सफाई कर्मचारियों के हड़ताल के बाद भी रात में 300 टन कचरा उठाने का दावा कर रहा है। नगर निगम दावे के मुताबिक पटना में अभी 3600 टन से अधिक कचरा सड़कों पर पड़ा हुआ है।
ग्रुप डी की वापसी के बाद ही होगा समझौता : चंद्रप्रकाश
बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने मीडिया से बात-चित के दौरान बताया कि हमलोग वार्ता में जा रहे हैं। राज्य सरकार को ग्रुप डी के पद की वापसी की वापसी कर दैनिक कामगारों की सेवा नियमित करने की मांग को हर कीमत पर मानना ही पड़ेगा। इस मांग पर कोई समझौता होना संभव नहीं है. सफाई कर्मी को भी सरकारी सेवक बनने का मौका सरकार दे।