Bihar

पटना एयरपोर्ट का भी अब होगा निजीकरण, पैसेंजर ट्रेन के अलावे 7 सड़कें भी होंगी प्राइवेट

नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन की लॉन्चिंग के साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की है। सरकार ने यह तय किया है कि सरकारी संपत्तियों की हिस्सेदारी को बेचकर या संपत्ति को लीज पर देकर कुल छह लाख करोड़ जुटाए जाएं। वित्त मंत्रालय ने सोमवार की शाम इसकी पूरी रिपोर्ट पेश की है।

इंडिया टॉप, सेंट्रल डेस्क : निजीकरण के लिए कदम बढ़ा रही केंद्र सरकार ने बिहार के सम्बन्ध में एक बड़ा फैसला लिया है। बिहार की कई सड़कों को अब निजी हाथों को सौंप दी जाएगी। इस बिच बड़ी खबर यह भी है कि पटना एयरपोर्ट का का भी निजीकरण किया जाएगा। इसके अलावा पटना से सभी जिलों के लिए प्राइवेट पैसेंजर ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। बता दें, केंद्र सरकार ने कुल 13 तरह की सरकारी संपत्तियों को बेचने या फिर उसे लीज पर देने का फैसला किया है।

निर्मला सीतारमण ने पेश की पूरी रिपोर्ट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन की लॉन्चिंग के साथ इसकी घोषणा की है। सरकार ने फैसला लिया है कि सरकारी संपत्तियों को बेचकर या संपत्ति को लीज पर देकर कुल छह लाख करोड़ प्राप्त किये जाए । वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसकी पूरी रिपोर्ट पेश की है। पटना एयरपोर्ट को साल 2023 में निजीकरण कराने की तैयारी है ।साथ ही पटना जंक्शन से निजी ट्रेनें भी शुरू होगी। बिहार के 7 सड़कों को भी चलाने के लिए निजीकरण कराने की तैयारी है। बिहार की जिन 7 सड़कों को निजी हाथों में दिया जाएगा उनमें हाजीपुर-मुजफ्फरपुर, पूर्णिया-दालकोला, कोटवा-मेहसी-मुजफ्फरपुर, खगड़िया-पूर्णिया, मुजफ्फरपुर-सोनबरसा, बाराचट्टी-गोरहर और मोकामा-मुंगेर की सड़क के शामिल है।

देश के 25 एयरपोर्ट का होगा निजीकरण

पटना एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने पर केंद्र सरकार को 1000 करोड़ की राशि मिलेगी। साथ ही, आप यह भी जान लीजिए कि सिर्फ पटना एयरपोर्ट ही नहीं केंद्र सरकार ने देश के कुल 25 एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने का फैसला किया है। इनमें से 6 एयरपोर्ट इसी साल (2021) निजी हाथ में चले जाएंगे जबकि 6 एयरपोर्ट अगले वित्तीय वर्ष निजी कंपनियों को सौंप दिए जाएंगे। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि उसे हाईवे को निजी हाथों में सौंपने से सबसे ज्यादा पैसा मिलेगा। 27600 किलोमीटर सड़कें निजी ट्रैक्टर को दी जा रही हैं। इनमें उत्तर भारत की 29 सड़कें, दक्षिण भारत की 28, पूर्व की 22 और पश्चिम भारत की 25 सड़कें लीज पर देने का फैसला किया गया है।

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