Bihar

बगैर कोचिंग का सहारा लिए सेल्फ स्टडी से पास की परीक्षा UPSC की परीक्षा, पाया 74वां रैंक

 यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा देश में सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है. इस परीक्षा में सफल होना अपने आप मे बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है मगर नवादा के लाल ने इस परीक्षा को ऐसे पास कर लिया मानों कोई आम परीक्षा पास कर ली है. नवादा के लाल आयुष वेंकट वत्स ने अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा में 74 वां स्थान लाकर पूरे जिले का नाम रौशन किया है. काशीचक प्रखंड के बेलड़ गांव निवासी तरुण कुमार के पुत्र ने इस परीक्षा को पास कर अपने गांव और घर का नाम रौशन किया है. उनकी इस सफलता से उनके पैतृक गांव में खुशी का माहौल है.

आयुष के पिता इसी 1 जून को बीइओ के पद से हजारीबाग से सेवानिवृत्त हुए हैं. मां निशा सिंह प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल कटोरिया बांका में प्रिंसिपल हैं. आयुष की दो बहनें है दोनों डॉक्टर हैं. बड़ी बहन डॉक्टर शिवांगी रिम्स रांची की टॉपर रही हैं और फिलहाल वो सफदरजंग हॉस्पिटल से पीजी कर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर हैं, जबकि दूसरी बहन पीएमसीएच में गायनी विभाग में डॉक्टर है.

आयुष के पिता तरुण कुमार ने बताया कि उसकी शुरुआती पढ़ाई देवघर से हुई और दसवीं की परीक्षा उसने देवघर से ही 2015 में पास की. इंटर की परीक्षा उसने सेंट्रल एकेडमी कोटा राजस्थान से 2017 में पास की. बारहवीं पास करने के बाद उसने देश के प्रतिष्ठित दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में 2017 में ही दाखिला लिया और 2021 में मैकेनिकल इंजीनियर बन गए. इस दौरान आयुष का कैंपस सेलेक्शन भी हुआ मगर वो यूपीएससी की परीक्षा में बैठना चाहते थे और उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की.

आयुष ने बताया कि उनके पापा शुरुआत से ही उसे मोटिवेट करते रहते थे और हमेसा सिविल सर्विस की परीक्षा के लिए उसे मार्गदर्शन दिया करते थे. कोरोना काल में वो रोजाना 16 घंटा पढ़ाई करते थे. इस दौरान उन्होंने किसी भी कोचिंग संस्था का सहारा नहीं लिया. इंटरनेट से जरूरी गाइडेंस के साथ-साथ जरूरी स्टडी मटेरियल का सहारा लेकर उन्होंने खुद तैयारी की और इस मुकाम तक पहुंचे. आयुष ने किताबों को खुद पढ़कर नोट्स तैयार कर परीक्षा दी. आयुष ने बताया कि वो यूट्यूब पर आईएएस कुमार अनुराग को अक्सर फॉलो करते थे

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