Bihar

विपक्ष ने किया सदन का बहिष्कार, तेजस्वी बोले- सदन में हमलोगों की बातें नहीं सुनी जाती

बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र बेहद दिलचस्प दौर में पहुंच गया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज विपक्षी नेताओं ने स्पीकर विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की थी और सदन में अग्निपथ नीति को लेकर चर्चा कराने की मांग रखी थी। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसे खारिज कर दिया.

इसके बाद विपक्ष ने सदन के बहिष्कार का ऐलान किया है। सदन की कार्यवाही में अब विपक्षी विधायक के शामिल नहीं होंगे। विपक्षी विधायक कल बुधवार को विधान मंडल स्थित कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा के सामने धरना पर बैठेंगे.

विधानसभा स्पीकर से मुलाक़ात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम नौजवानों के लिए सही नहीं है। इस योजना को लाकर केंद्र सरकार ने देश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। इसे लेकर हमलोगों ने राजभवन मार्च भी किया था। इसे लेकर महामहिम राज्यपाल फागू चौहान से भी मिले थे। हम चाहते है कि लोकतंत्र के इस मंदिर में इस पर चर्चा हो और सरकार अपनी बातें रखे। लेकिन सदन में यह कहा जाता है कि यह बिहार का मामला नहीं है केंद्र का मामला है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम कहते हैं कि बिहार राज्य है तब ना केंद्र है। दो दिनों से हम यही मांग कर रहे हैं यह हम सबका अधिकार भी है। नियम के अनुसार सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कई लोगों पर मुकदमा हुआ है वही कई कोचिंग सेंटरों को तबाह किया जा रहा है। हम भी मानते हैं कि हिंसा नहीं होनी चाहिए हिंसा से कोई रास्ता नहीं निकल सकता। लेकिन लोगों में इस योजना को लेकर घोर निराशा थी।

जिन लोगों पर मुकदमा हुआ वे किनके बच्चे हैं। सब भारत मां के बच्चे हैं। जो देश की सेवा करना चाहते हैं। विपक्ष पर हमला बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि अग्निपथ स्कीम इतना ही पसंद है तो यह सिर्फ देश के सैनिक पर ही क्यों लागू रहा है यह स्कीम अधिकारियों पर क्यों नहीं लागू होता। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमसभी को विधानसभा अध्यक्ष से बड़ी उम्मीद थी। जब वे आसन पर बैठे होते है तो वे किसी दल के नेता नहीं होते है। सदन में विपक्ष की संख्या कम नहीं है हमें पांच मिनट का समय ही अपनी बात रखने के लिए देते तो अच्छा रहता।

हमलोग तो चाहते हैं कि सदन शांतिपूर्ण ढंग से चले। लेकिन सत्ता पक्ष के लोग चाहते हैं कि सदन नहीं चले। जब हम लोगों की बातें नहीं सुनी जा रही है तब हाउस में जाने का क्या मतलब है। सदन में प्रस्ताव देने से पहले ही खारिज कर दिया जाता है। अब हमने फैसला लिया है कि बुधवार को सदन शुरू होने के बाद वे कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा के पास धरना पर बैंठेगे और सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगे। विपक्ष के सभी सदस्यों ने सदन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है

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