Bihar

जितिया के दिन बिहार पंचायत चुनाव में दूसरे चरण की वोटिंग, भोजपुर में महिलाओं ने की मतदान की तारीख बदलने की मांग…

आरा : बिहार में गांव की सरकार बनाने के लिए चुनाव का आगाज हो चुका है। भोजपुर जिले में दूसरे चरण से चुनाव की शुरुआत होगी। जिले के पीरो प्रखंड में 29 सितंबर को वोटिंग है। उसी दिन जितिया व्रत भी है।

जितिया व्रत के दिन चुनाव होने से महिलाओं के सामने दोहरा संकट है। हर मां के लिए जतिया व्रत काफी महत्वपूर्ण है। इस तिथि को अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए मां व्रत करती है। उपवास रखती है। इस व्रत के दिन 24 घंटे निर्जला यानी बिना अन्न-जल हर मां दुआ मांगती है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। जिसके कारण उस दिन माताएं मतदान करने में सक्षम होंगी, इसकी उम्मीद कम है। मतदान की तिथि बदलने के लिए महिला वोटरों ने आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है। उपवास रखकर और व्रत करके वो मतदान नहीं कर पाएंगी। ऐसे में नहीं चाहते हुए भी बहुत सारी महिलाएं मताधिकार से वंचित हो जाएंगी।

पीरो प्रखंड में कुल 22 पंचायतें…

पीरो प्रखंड में कुल 22 पंचायतें हैं। ऐसे में 22 मुखिया, 22 सरपंच, 22 पंचायत समिति सदस्य, काफी संख्या में वार्ड सदस्य, पंच और जिला परिषद के तीन पदों के लिए चुनाव होने हैं। जिसमें 289 बूथ बनाए गए हैं। कुल 77 हजार 896 महिला मतदाता हैं, जो कि अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगी। इस बार के जितिया व्रत में दुर्लभ संयोग है। जिसके कारण सभी माताएं यह व्रत करना चाहेंगी।

चुनाव आयोग को लिखा जाएगा पत्र…

श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर सोनवर्षा धाम के महंत प्रसिद्ध संत स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज ने बताया कि इस बार का यह पर्व एक दुर्लभ मुहूर्त में संपन्न होगा। जिसके कारण सभी माताएं इस व्रत को करेंगी। हर माता के लिए अपना पुत्र किसी अनमोल उपहार से कम नहीं होता है। जितिया के दिन मतदान को लेकर पीरो की रहने वाली अंजू देवी बताती है कि हम महिलाओं के लिए इस पर्व से बड़ा कोई पर्व नहीं है। इसलिए उस दिन उपवास रहने के कारण हम वोट नहीं कर पाएंगे। चुनाव आयोग को मतदान की तिथि बदलनी चाहिए। वहीं, राजेया पंचायत की मुखिया सुचित्रा देवी कहती हैं कि इसको लेकर वह चुनाव आयोग को पत्र लिखकर तिथि को आगे बढ़ाने की मांग करेंगी। धीरे-धीरे ही सही लेकिन महिलाओं ने अब इसको लेकर आवाज उठाना शुरू कर दिया है।

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