
धौनी ने अप्रैल के आखिरी महीने में मप्र के झाबुआ से दो हजार चूजों का ऑर्डर देकर मंगाया था. इन चूजों को रखने के लिए बकायदा फार्म हाउस में एक फॉल्ट्री फार्म बनाया गया था. जहां इन चूजों को रखा गया है.
ये कड़कनाथ “प्योर लाइन” नस्ल के है. इसके नस्ल में कहीं से भी क्रॉस्ड नहीं किया गया है. लिहाजा इसका मांस मांस स्वादिष्ट और पौष्टिक होने के साथ साथ इसमें प्रतिरोधक क्षमता भी भरपूर होगी.
हालांकि इस बार धौनी के कड़कनाथ को सीधे बाजार में नहीं बेचकर फार्म हाउस के जरिये ही बेचा जाएगा. यानि खुदरा बिक्रेता के साथ साथ कड़कनाथ के शौकीनों को धौनी का कड़कनाथ खरीदने के लिए सीधे फार्म हाउस ही पहुंचना होगा.
इन मुर्गों का वजन अब 800 ग्राम से 1 किलो के बीच हो चुका है. लिहाजा अब इन चूजों को बाजार में बेचने की तैयारी है. इसके अलावा कड़कनाथ मुर्गियों के अंडों को भी बाजार में बेचने जा सकता है.
पिछली बार सब्जियों के आउटलेट में ही कड़कनाथ को बेचा जा रहा था. लेकिन इस बार कड़कनाथ की बिक्री सीधे फार्म हाउस से ही की जाएगी.ये दूसरे चिकन से अलग और खास होता है. इसमें प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है. इसके बोन और मांस का कलर भी अलग होता है.
भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने रांची के करीब इजा फार्म में कड़कनाथ मुर्गा पालन शुरू किया है, जिसे अब वो रांची के बाजार में बेच रहे हैं. ये बहुत महंगा और खासा प्रोटीन युक्त चिकन होता है, चिकन की ऐसी प्रजाति दुनिया में कहीं नहीं मिलती.
कड़कनाथ का जीआई टैग मध्यप्रदेश सरकार के पास है. राज्य सरकार ने करीब 03 साल पहले इसका जीआई टैग हासिल किया था.
मानसून के महीने में महेंद्र सिंह धोनी के फार्म हाउस में सब्जियों की भी बंपर पैदावार हुई है. रांची के सैंबो में स्थित फार्म हाउस में इस बार टमाटर, भिंडी, फ्रेंचबीन और बैंगन की खेती की गई है। फार्म हाउस में इस बार टमाटर की जो उन्नत किस्म लगाई गई है. उसमें एक बार में पौधे में 3 से 4 किलो टमाटर तोड़े जा रहे हैं. इन तैयार सब्जियों को सीधे फार्म हाउस से बाजार भेजा जा रहा है.