
बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त परीक्षा पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दी गई है. रविवार को आयोजित हुई बीपीएससी की 67वीं पीटी परीक्षा पांच घंटे बाद ही रद्द कर दी गयी. प्रश्नपत्र लीक होने की जांच के लिए आयोग द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया है. इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी पार्टियों ने जहां सरकार पर हमला बोला है. RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद किया है. इसका नाम अब बिहार लोक पेपर लीक आयोग कर देना चाहिए.
जिसके बाद बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने इसका जवाब दिया है. मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि जिनके कार्यकाल में BPSC के अध्यक्ष तक जेल गए हैं, उन 15 साल में किस तरह से वहां पर परिस्थियां रही है. BPSC परीक्षा का पेपर लीक हुआ है, किन कारणों से पेपर लीक हुआ है, तुरंत 5 घंटें के अंदर परीक्षा को रद्द कर दिया. गया. और तुरंत स्पेशल टीम गणित की गई और कहा से पेपर लीक हुआ है, इसकी जांच हो रही है.
तेजस्वी यादव को अपना समय नहीं याद आता है, BPSC के अध्यक्ष जेल तक गए थे. जे भष्टाचार्य था. उस समय परीक्षा समय पर नहीं होती थी. यह सबलोग जानता है. किस तरह से BPSC के अध्यक्ष को सीएम नीतीश ने ट्रांसपैरेंट किया. पेपर लीक होने में किसी ने कोई गड़बड़ी की है, उसकी जांच तेजी से की जा रही है.
बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त परीक्षा पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दी गई है. रविवार को आयोजित हुई बीपीएससी की 67वीं पीटी परीक्षा पांच घंटे बाद ही रद्द कर दी गयी. इस मामले की जांच करने के लिए एक स्पेशल कमेटी का गठन किया गया था. जिसे 2 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन कमेटी ने देर न करते हुए 3 घंटे में ही रिपोर्ट सौंप दी. आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने प्रश्नपत्र लीक होने की जांच कराने के लिए डीजीपी से अनुरोध किया. आयोग के अनुरोध के बाद डीजीपी ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को सौंप दी. EOU की 12 सदस्यों की विशेष टीम BPSC पेपर लीक कांड की जांच में जुट गयी है.