
इन दिनों ओबीसी जातीय जनगणना कराए जाने को लेकर हो रही राजनीती थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ.सीपी ठाकुर ने इसे फालतू के मुद्दे बताया है,और साथ ही नितीश सरकार को कानून व्यवस्था और शिक्षा पर जोर देने को कहा है।
द इंडिया टॉप, सेंट्रल डेस्क: ओबीसी जातीय जनगणना पर हो रही राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार के दिन ही इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत 11 नेताओं दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। आज पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ.सीपी ठाकुर ने कहा, इसके बदले आर्थिक आधार पर आंकड़े लिए जाएं। जिससे अमीरी और गरीबी का पता लग सके।

इससे बटेगा समाज
डॉ.सीपी ठाकुर ने ओबीसी जातीय जनगणना पर विरोध दर्ज करते हुए कहा कि इससे समाज बटेगा। समाज में इससे और भेदभाव बढ़ेगा। इसके बदले नितीश सरकार कानून व्यवस्था और शिक्षा पर ध्यान दें। इससे बेहतर होता कि सरकार बिहार में गरीबों की मदद के लिए कोई योजना बनाकर केंद्र सरकार से मुलाकात करते।
सरकार पहले ही अपने किए गए वायदे से पीछे हट चुकी है
ओबीसी जातीय जनगणना की मांग को लेकर मौजूदा सरकार अपने किए गए वायदे से पहले ही पीछे हट चुकी है। सरकार जातीय जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है। बता दें कि आखिरी बार ओबीसी जनगणना आज से 90 साल पहले 1932 में हुई थी।