बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी में पावर और प्रतिष्ठा को लेकर चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के बीच दांव पेंच चल रहे हैं. यही नहीं, सोमवार को दोनों नेताओं ने अपने-अपने अंदाज में पूर्व केंद्रीय में राम विलास पासवान की जयंती को मनाया. इस बीच मोदी मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) की विस्तार की संभावनाओं के बीच बिहार की राजधानी पटना में पशुपति कुमार पारस कुर्ते की खरीददारी में व्यस्त दिखे. सूत्रों के मुताबिक, वह शपथ ग्रहण की तैयारी कर रहे हैं और उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलने का पूरा भरोसा है. यही नहीं, जब पशुपति से खरीददारी के बाबत पूछा गया तो उन्होंने बेहद सधे अंदाज में जवाब दिया. उन्होंने कहा,’राज को राज ही रहने दो.’
बता दें कि पशुपति कुमार पारस इस समय न सिर्फ लोक जनशक्ति पार्टी के बागी गुट के अध्यक्ष हैं बल्कि वह लोकसभा में पार्टी दल के नेता भी हैं. हालांकि दूसरी तरफ चिराग पासवान भी खुद को एलजेपी का अध्यक्ष बता रहे हैं. यही नहीं, वह चुनाव आयोग को भी पशुपति कुमार पारस गुट को मान्यता नहीं देने लिए कई पत्र लिख चुके हैं. वहीं, चिराग ने जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार पर एलजेपी को तोड़ने का आरोप लगाया है, तो पशुपति शुरुआत से ही नीतीश और एनडीए की तारीफ कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो पशुपति कुमार पारस को मंत्री पद की शपथ दिलायी जायेगी, ऐसा बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से उनको आश्वासन मिला है.
बिहार के हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने के दौरान चिराग पासवान ने एएनआई से कहा था कि दो साल पहले मेरे चाचा का निधन हुआ, उसके बाद पिताजी गुजर गए. इससे पूरे परिवार की जिम्मेदारी मेरे चाचा पशुपति पारस पर आ गई, लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी का सही तरह से निर्वहन करने के बजाय, हमारे साथ धोखा किया. मैं चाचा पशुपति पारस में अपने पिता की छवि देखता रहा, लेकिन उन्होंने ऐसे समय में परिवार को धोखा दिया, जब मुझे उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. वहींं, रामविलास पासवान की जयंती पर पारस गुट ने पटना समेत कई जगह कार्यक्रम कर अपनी ताकत दिखाई है.