
जमुई की रहने वाली सीमा की तरह खगड़िया की सोनाक्षी भी एक पैर से 1 किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल जाती है। वो जन्म से ही दिव्यांग है। उसके माता- पिता के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो उसे कृत्रिम पैर लगवा पाएं। सोनाक्षी के पिता वरूण पंडित मिट्टी के बर्तन बनाने का पुश्तैनी धंधा करते हैं। उसका दायां पैर घुटने तक ही है। इसलिए वह एक पैर से ही चलती है।
सोनाक्षी गोगरी प्रखंड के गोगरी बाजार में रहती है। वो तारा मीडिल स्कूल, गोगरी में सातवीं क्लास में पढ़ती है। उसके पिता का कहना है कि मैंने कई बार सरकारी अफसरों के चक्कर काटे कि बेटी को कुछ मदद मिल जाए। स्कूल जाने के लिए ट्रायसाइकिल मिल जाए, लेकिन नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि मैं गरीब हूं इसलिए अपनी दिव्यांग बेटी को अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ा सकता हूं। सरकारी मदद मिले तो मेरी बेटी भी उड़ान भर सकेगी.
सोनाक्षी का कहना है कि पिता की लाख कोशिश के बाद दिव्यांग पेंशन तो मिली लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण इसके अलावा न तो बैसाखी मिली और न ट्रायसाइकिल मिल पाई। उसने बताया कि अभी वह सातवीं में पढ़ती है और स्कूल घर से एक किलोमीटर दूर है। वो बिना किसी सहारे के एक पैर से चलकर स्कूल जाती है। आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए दूर जाना पड़ा तो मुश्किल होगी। सोनाक्षी ने कहा कि उसे मदद की दरकार है, जिसके बाद वह आगे की पढ़ाई कर कुछ बनकर अपने माता-पिता को एक खुशहाल जिंदगी देना चाहती है.
सोनाक्षी के बारे में जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर डॉ. आलोक रंजन घोष ने उसे हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि सोनाक्षी को कृत्रिम पैर के साथ अन्य सभी सुविधाएं जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी। अभिनेता सोनू सूद ने भी वीडियो कॉल पर सोनाक्षी से बात किया है। उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है