Bihar

जमीन कारोबारी ने आईपीएस पर लगाया केस मैनेज करने के लिए 12 लाख लेने का आरोप, बोला-‘मैं कोटा में था, पत्‍नी ने दिए रुपए’…

बिहार के भागलपुर के बबरगंज थाना क्षेत्र के कमलनगर कॉलोनी निवासी जमीन कारोबारी अनिल यादव ने सीटीएस (कांस्टेबल ट्रेनिंग सेंटर) नाथनगर के प्रिसिंपल आईपीएस मिथिलेश कुमार पर कांड मैनेज करने के लिए 12 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया है। कारोबारी ने इसकी जानकारी सोमवार को एएसपी सिटी पूरन झा को दी। खंजरपुर में 11 जून को हुई गोलीबारी में अनिल यादव को अभियुक्त बनाया गया था। पूरन झा अनिल यादव सहित इस कांड के आरोपियों पर केस ट्रू कर चुके हैं। सोमवार को अनिल यादव ने एएसपी सिटी को लिखकर दिया, जिसमें मिथिलेश कुमार पर कांड मैनेज करने के लिए 12 लाख लेने का आरोप है। एएसपी ने जब कांड के आरोपी को सामने देखा और कांड मैनेज करने की बात कहते सुनी तो बरारी थानाध्यक्ष को तुरंत अनिल यादव को थाना ले जाने का निर्देश दिया। बाद में वरीय अधिकारी के निर्देश पर थाने से अनिल को छोड़ दिया गया।

अनिल यादव का कहना है कि खंजरपुर में हुई गोलीबारी की घटना को मैनेज करने के लिए आईपीएस मिथिलेश कुमार ने उनकी पत्नी से पैसे लिये। अनिल का कहना है कि वे उस समय कोटा गये थे। फोन पर बात हुई और उन्होंने पत्नी से पैसे देने को कह दिया, जिसके बाद उनकी पत्नी ने सात और पांच लाख करके दो बार में 12 लाख रुपये सीटीएस प्रिंसिपल को दिये। अनिल ने किसी कुश-करण का नाम लिया, जिसके द्वारा मिथिलेश कुमार ने जिम्मेदार पुलिस अधिकारी तक पैसे पहुंचाकर कांड को मैनेज करने की बात कही। पूरन झा ने अनिल यादव को तुरंत अपने कार्यालय से बाहर कर बरारी थाना भेज दिया।

अनिल यादव ने यह भी बताया कि सीटीएस प्रिंसिपल मिथिलेश कुमार के एजुकेशनल ट्रस्ट को भी लाखों रुपये दे चुके हैं। अनिल यादव ने बताया कि इसी साल जनवरी में 12 लाख और 27 अगस्त को 10 लाख रुपये आईपीएस के एजुकेशनल ट्रस्ट को ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा और पैसे उनके ट्रस्ट को देने की बात उन्होंने कही। अनिल यादव ने बरारी थाने में बातचीत के दौरान यह भी बताया कि पहले उसी आईपीएस से पैरवी करा उन्होंने एक कुख्यात का ट्रक भी एक थाने से रिलीज कराया था। उस थाने में ट्रक को पकड़ा गया था।

जमीन कारोबारी अनिल यादव जिस कांड को मैनेज करने कराने के नाम पर आईपीएस पर 12 लाख रुपये लेने का आरोप लगा रहे हैं, वह घटना बरारी के खंजरपुर में 11 जून को हुई थी। अपराधियों ने हनी साह के घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, जिसमें हनी के साथ ही उसके दो भाई भी जख्मी हो गये थे। कांड को लेकर हनी साह के चाचा पप्पू साह ने केस दर्ज कराया था जिसमें अनिल यादव के अलावा कपिल यादव, मिथुन, गोलू साह, अभिषेक सोनी और अन्य को आरोपी बनाया था। वह मामला भी खंजरपुर स्थित महंगी जमीन को लेकर ही था। अनिल का कहना था कि उसे इस कांड में फंसाया गया है। उसके बाद उसकी पत्नी डीआईजी से मिली और अपनी बात रखी। उसके आवेदन पर डीआईजी ने कई बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश एएसपी को दिया। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकती है, इसलिए अनिल को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया।

अपना पक्ष रखते हुए अनिल यादव की पत्नी पुष्पा देवी ने कहा कि उनके पति की दिमागी हालत ठीक नहीं है, इसलिए वे मिथिलेश कुमार को कांड को मैनेज करने के लिए 12 लाख देने की बात कह रहे। उनसे जब पूछा गया कि उनके पति ने मिथिलेश कुमार के एजुकेशनल ट्रस्ट को पैसे ट्रांसफर किये हैं या नहीं, तो उन्होंने कहा कि उनके ट्रस्ट को पैसे ट्रांसफर किये गये हैं, तीन दिन पहले भी पैसे ट्रांसफर करने की बात कही। उनके पति के कोटा जाने वाली बात जब पूछी गयी तो उन्होंने कहा कि वे कोटा गये थे पर आईपीएस को पैसे देने के बारे में उनके पति ने उनसे कुछ नहीं कहा था। जब उनसे पूछा गया कि पति की दिमागी हालत जब ठीक नहीं थी तो 27 अगस्त को एजुकेशन ट्रस्ट में दस लाख रुपये उनके पति ने कैसे ट्रांसफर कर दिये तो वे साफ जवाब नहीं दे सकीं।
खंजरपुर की घटना से संबंधित कांड को मैनेज कराने के लिए सीटीएस प्रिंसिपल आईपीएस मिथिलेश कुमार ने मेरी पत्नी से 12 लाख रुपये लिये। उस समय मैं कोटा में था। यह बात मैंने लिखित रूप में एएसपी को दिया है। आईपीएस के एजुकेशनल ट्रस्ट में भी मैंने लाखों रुपये दिये हैं।

अनिल यादव, खंजरपुर फायरिंग कांड के आरोपी

मैंने किसी कांड को मैनेज कराने को लेकर अनिल यादव से पैसे नहीं लिये हैं। उनके यहां मेरा आना जाना है। एजुकेशनल ट्रस्ट को उन्होंने अनुदान भी दिये हैं पर कांड वाली बात बिल्कुल झूठी है। अनिल यादव की मानसिक स्थिति कुछ दिनों से ठीक नहीं है, उनकी पत्नी के कहने पर उन्हें समझाने भी मैं कुछ दिनों पहले उनके यहां गया था।

मिथिलेश कुमार, सीटीएस प्रिंसिपल

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