Bihar

पगडंडियों पर एक पैर के सहारे कूदते हुए स्कूल जाती ये लड़की, हौसला देख करेंगे सलाम

अगर आपके अंदर हौसला है और कुछ कर गुजरने की ललक है तो फिर समझिए कि आपका काम यहीं से आसान हो गया. जमुई जिले के खैरा प्रखंड के फतेहपुर गांव निवासी सीमा की कहानी को जानकर आप भी कहेंगे कि इस बच्ची को सलाम है. सीमा ने सड़क हादसे में अपना एक पैर खो दिया लेकिन हौसले को बचाए रखा जिसके सहारे आज वो 500 मीटर तक पगडंडियों पर एक पैर के सहारे कूदते हुए स्कूल जाती है.

सीमा फतेहपुर गांव के सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ती है. उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं. पिता दूसरे प्रदेश में रहकर ही मजदूरी करते हैं. पांच भाई-बहन में एक सीमा किसी पर अब तक बोझ नहीं बनी है. एक पैर होने के बावजूद सीमा में पढ़ने-लिखने का जुनून है. माता-पिता निरक्षर हैं. सीमा का सपना है कि वो पढ़-लिखकर एक शिक्षक बने. सीमा दो साल पहले गांव में ही एक हादसे का शिकार हो गई थी. एक ट्रैक्टर की चपेट में आने से उसके एक पैर में गंभीर चोट लगी थी. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जान बचाने के लिए डॉक्टर ने उसका एक पैर काट दिया था. एक पैर से ही अब वह सारा काम करती है.

दिव्यांग सीमा का कहना है कि उसके मां-बाप मजदूर हैं. पढ़े-लिखे भी नहीं हैं. वह पढ़-लिखकर काबिल बनना चाहती है. यही कारण है कि सीमा ने जिद कर स्कूल में नाम लिखवाया और हर दिन स्कूल जाती है. सीमा की दादी लक्ष्मी देवी का कहना है कि इस गांव में इस बच्ची के लिए मूलभूत सुविधा कुछ भी नहीं है. सुविधा के अभाव में काफी दूर तक पगडंडियों पर चलकर जाना पड़ता है.
मध्य विद्यालय फतेहपुर के शिक्षक गौतम कुमार गुप्ता ने कहा कि सीमा एक पैर से ही स्कूल आती है. दिव्यांग होने के बावजूद चौथी क्लास की सीमा अपना काम खुद करती है. सीमा की मां बेबी देवी ने बताया कि वे लोग गरीब हैं. उनके पास इतने पैसे भी नहीं कि वह बेटी के लिए किताबें खरीद सकें. स्कूल के शिक्षक सब मुहैया करवा रहे हैं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button