
द इंडिया टॉप, सेंट्रल डेस्क: बिहार में जातिगत जनगणना की मांग बढ़ती ही जा रही है। बीते 23 अगस्त को नितीश कुमार ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की थी। इस मुद्दे पर बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने अपनी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है। साथ ही बीजेपी के कुछ नेता जातिगत जनगणना के खिलाफ हैं।

जीतन राम मांझी का ट्वीट
इस मुद्दे पर आज भारतीय आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट किया है। अपनी ट्वीट में उन्होंने लिखा है “जो आज जातिगत जनगणना का विरोध कर रहे हैं वह असल मायने में संविधान और बाबा आंबेडकर के विरोधी हैं। संविधान में सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान है ना कि आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए। नाम में टाइटल लगा अपनी जाती बताने वालों आपको जातिगत जनगणना से डर क्यों है ?”
विरोधियों पर निशाना
इस ट्वीट के बाद ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है की इस ट्वीट के माध्यम से जीतन राम मांझी ने बीजेपी पर तंज कैसा है। जीतन राम मांझी जातिगत जनगणना की मांग करते आ रहे हैं। अब जातिगत जनगणना को लेकर सियासत शुरू हो गयी है। ऐसे में इस मुद्दे पर विरोध करने वालों पर जीतन राम मांझी ने निशाना साधा है। कुछ दिन पहले भी उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया था जिसमे उन्होंने कहा था, “जब देश में सांप, बाघ, बकरी की जनगणना हो सकती है तो फिर जातियों की क्यों नहीं? देश के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरुरी है। पता तो लगे किसकी कितनी आबादी है और उसे सत्ता में कितनी भागीदारी मिली।