
द इंडिया टॉप, सेंट्रल डेस्क: बिहार इस समय वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है. बच्चों में इस बीमारी का संक्रमण काफी तेज़ी से फ़ैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों में होनेवाले वायरल बुखार को लेकर राज्य के सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है. बिहार स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक इस वायरल बुखार की चपेट में 395 बच्चे आ चुके है जिनमे, 13 बच्चों ने विभिन्न बीमारियों के कारण दम तोड़ दिया है. कल एक दिन में तीन बच्चों दम तोड़ दिया। तो वहीँ पटना एम्स के डॉक्टर और कर्मी भी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किये गए आंकड़े के मुताबिक 10 सितंबर तक वायरल बुखार से ग्रसित 95 बच्चों की भर्ती की गई, जिसमें से 13 बच्चों की मौत विभिन्न बीमारियों से हो गई जबकि 295 को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. बीते दिन शनिवार को तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया. एनएमसीएच में वायरल संक्रमण से एक बच्चे ने दम तोड़ा। एनएमसीएच अधीक्षक और शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वायरल निमोनिया और बुखार से पीड़ित 18 बच्चों का इलाज चल रहा है. साथ-ही-साथ उन्होंने बताया कि अब संक्रमण का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है. पिछले 24 घंटे में इससे पीड़ित मात्र दो ही मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं.
उधर बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में शनिवार को दो बच्चों की मौत हो गई. इनमें एक बच्चा जेई और दूसरा बच्चा चमकी बुखार से ग्रसित था. जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) से पीड़ित 11 साल का प्रदीप कुमार पश्चिम चंपारण के रामनगर का निवासी था. उसे 3 सितंबर को भर्ती कराया गया था. इसके अलावा मोतिहारी के रहने वाले 5 साल के निरहू कुमार की भी मौत एसकेएमसीएच में हो गई. उसे 10 सितंबर को पीकू में दोबारा भर्ती कराया गया था.
पटना के फुलवारीशरीफ स्थित एम्स तक संक्रमण पहुँचने की खबर सामने आ रही है. एम्स के ट्रामा इंचार्ज डॉक्टर अनिल समेत कई डॉक्टर और कर्मी वायरल फीवर की चपेट में आ गए हैं. डॉ. अनिल के मुताबिक कोराना महामारी के बाद से लोग फीवर होने से डर रहे हैं. हमलोग भी डरे हुए हैं. एम्स के लगभग 30 प्रतिशत डॉक्टर और कर्मी वायरल फीवर से पीड़ित हो चुके है.
वायरल फीवर अगर तीन दिनों में नहीं ठीक हो तो तुरंत डॉक्टर से दिखाने की जरूरत है. खासकर बच्चों के मामले में किसी भी प्रकार कीलापरवाही बरतना हानिकारक साबित हो सकता है. बच्चे को अगर फीवर आये तो अच्छे डॉक्टर से दिखाना चाहिए. वायरल फीवर के कोई भी लक्षण अगर दिखे तो एंटी एलर्जी की दवा लेनी चाहिए. गर्म पानी पीएं और गहरी नींद लें.