Bihar

बिहार में महिला आरक्षण का कैसा होगा असर? Impact of women reservation bill on Bihar

कितनी महिलाएं बिहार से बनेंगी सांसद और विधायक?

केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया है।  इसके अनुसार संसद और राज्यों की विधानसभाओं में 33% सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार से कितनी महिलाएं लोकसभा में जाएंगी। इसके साथ हीं बिहार विधानसभा में महिलाओं के लिए आरक्षित सीट कितनी होगी? हलांकि बिहार में वर्ष 2006 से पंचायत चुनावों एवं निकाय चुनावों में महिला आरक्षण लागू है। केंद्र सरकार की 33% आरक्षण की तुलना में बिहार में 50% आरक्षण का प्रावधान है। इसके साथ ही पिछड़ी एवं दलित जातीयों की महिलाओं के लिए भी प्रवधान किया गया है।

बिहार में महिला आरक्षण का कैसा होगा असर?

राज्य में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। ऐसे में एक तिहाई यानि कि 33% आरक्षण के अनुसार 13 सीटें निर्धारित होंगी। मतलब कि बिहार से लोकसभा में अब 13 महिलाओं का लोकसभा जाना तय हो गया है। यही प्रक्रिया बिहार विधानसभा पर भी लागू होगी। बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं। इन 243 सीटों में से महिला आरक्षित सीटों की संख्या 80 होगी। पूरे देश में 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद 2025 में बिहार विधान सभा का चुनाव होगा। महिला आरक्षण बिल 2023 के अनुसार इन दोनों चुनाव में यह लागू नहीं होने वाला है। लेकिन भविष्य में जब यह लागू होगा तो बिहार की तस्वीर कुछ ऐसी ही होगी।  

बिहार के पंचायतों में महिलाओं की स्थिति।

हलांकि नीतीश कुमार ने 2006 में हीं पंचायत एवं निकाय चुनाव में आरक्षण का प्रवधान किया था। इस प्रवधान के तहत दोनों चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। बिहार सरकार के आरक्षण नियम में पिछड़ी एवं दलित जातीयों की महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रावधान है। इसे आप बिहार में 2021 हुए पंचायत चुनाव के आधार पर समझिए। बिहार पंचायत चुनाव 2021 में 8,072 मुखिया पदों के लिए चुनाव हुए। इस चुनाव में 3,585 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। जिसमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 90 सीट और पिछड़ा वर्ग के लिए 1,357 सीट थीं।

देश के साथ-साथ बिहार की जनता को महिला आरक्षण लागू होने का इंतजार है। इसके लागू होते हीं बिहार और देश की राजनीति की तस्वीर अलहदा होगी।

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