बेतिया जिले में इस साल बाढ़ ने हर तरफ तबाही मचाई है। बारिश और बाढ़ की वजह से लोगों की परेशानी फिर से बढ़ गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का पलायन जारी है। वहीं दूसरी तरफ कई लोगों की शादी भी बाढ़ की वजह से प्रभावित हुई है। ऐसा ही एक मामला बेतिया जिले के लौरिया प्रखंड के बसंतपुर पंचायत से आया है। यहां एक पिता ने अपनी बेटी की शादी की पूरी तैयारी कर रखी थी। घर में मेहमान और रिश्तेदार भी पहुंच गए थे, लेकिन अचानक उनका गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर गया। गांव में अचानक आई बाढ़ ने शादी की तैयारियों पर पानी फेर दिया। फिर भी दोनों पक्षों ने सूझ-बूझ दिखाई। दो किलोमीटर तक करीब 4 से 5 फीट पानी में ट्रैक्टर से यात्रा कर दूल्हे को अपनी सजी-धजी गाड़ी की बजाए ट्रैक्टर से तिवारी टोला निवासी घनश्याम तिवारी के घर, यानी दुल्हन के दरवाजे पर जाना पड़ा।
गाड़ियों के काफिले के साथ दुल्हा आलोक जैसे ही सिकरहना नदी से आधा किलोमीटर दूर सतवरिया लचका पर पहुंचा, आगे का रास्ता बाढ़ में डूबा मिला। दुल्हन पक्ष के लोग ट्रैक्टर लेकर उन्हें ले जाने के लिए वहां तैनात थे। काफी समझाने के बाद बाराती ट्रैक्टर से जाने को तैयार हुए। दूल्हे को गाड़ी से उतारकर ट्रैक्टर से दुल्हन के दरवाजे पर परिणय सूत्र में बंधने के लिए भेजा। शादी के बाद शनिवार को दुल्हा आलोक अपनी दुल्हनिया कुमारी रवीना को लेकर ट्रैक्टर से ही पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के इजरा गांव जाएगा।