
द इंडिया टॉप, सेंट्रल डेस्क: कोरोना की दूसरी लहर के जंग को जीतने के बाद अब पुरे देश में तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है. इसका असर सबसे ज्यादा केरल में होते दिख रहा है. आपको बता दें कि केरल में 20 प्रतिशत रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. नए केस की बात करें तो केरल में 68 फीसदी नए केस पाए गए हैं जिससे हड़कंप की स्थिति मच गई है. केरल में मौजूदा 31 हजार से ज्यादा नए मरीज है जो देश का 67.9 फीसदी है. हालांकि ये बात पहले से की जा रही थी कि केरल में लोग तीसरी लहर का शिकार बन सकते हैं. सीरो सर्वे ने साफ़ कर दिया था कि केरल में संक्रमण फैलेगा और अब वैसा ही होते दिख रहा है। सीरो सर्वे ने 2 महीने पहले यह जानकारी दी थी कि केरल में सबसे कम आबादी के अंदर एंटीबॉडी है। ज्यादा एंटीबॉडी वाले जगह में खतरा फैलने की संभावना काम थी और उसी तरह जहां एंटीबॉडी कम है वहां खतरा ज्यादा थी.

केरल में हुई थी कम टेस्टिंग
आपको बता दें कि केरल में सबसे कम 44.4 फ़ीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई जबकि असम में 50.3 महाराष्ट्र में 58 फीसदी एंटीबॉडी पाई गई है।अगर बिहार की बात करें तो यहां एंटीबॉडी 75.9 फीसदी है। केरल में तीसरी लहर को फैलने की सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि यहाँ टेस्टिंग पहले से कम हुई थी. दो हफ्ता पहले की बात करें तो कोरोना की टेस्टिंग प्रतिदिन लगभग 1.7 लाख थी मगर अब 1 लाख रह गई है।

बिहार सरकार ने लिया यह फैसला
केरल में कोरोना के बढ़ते मामले को ध्यान में रखकर बिहार सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। केरल से बिहार आए यात्रियों को अब आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट देना जरूरी होगा।कोरोना टेस्टिंग की प्रक्रिया में भी सख्ती बरती जाएगी. पटना एयरपोर्ट समेत अन्य तीन स्टेशनों पर अब कोरोना की टेस्टिंग की जाएगी। बिहार से केरल आए यात्रियों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगा। रिपोर्ट न रहने पर उन्हें आइसोलेट किया जाएगा। साथ ही आपको बता दें की न केवल केरल से बल्कि अगर कोई यात्री महाराष्ट्र से भी बिहार आता है तो उसे नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।14 दिन बाद 26 अगस्त को पटना एम्स में कोरोना के एक मरीज की मौत हो गई। इस मरीज को 24 अगस्त के दिन पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। फिलहाल एम्स में 1 कोरोना मरीज का इलाज़ चल रहा है.