बिहार की राजनीति के लिए बुधवार का दिन बेहद खास रहा. एक तरफ केंद्रीय मंत्री परिषद में विस्तार को लेकर बिहार में राजनीतिक गहमागहमी थी, तो वहीं दूसरी दशकों तक बिहार की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस (Bihar Congress) में भी हलचल कुछ कम नहीं थी. बिहार कांग्रेस के 30 से अधिक नेताओं ने दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की. मुलाकात करने वालों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अलावा सांसद, विधायक और विधान पार्षद शामिल थे. बता दें कि बिहार की सत्ता पर सालों तक काबिज रहने वाली कांग्रेस पिछले दो दशकों से बैसाखी के सहारे ही सत्ता का स्वाद चख पाई है. बहरहाल, राहुल गांधी से जब कांग्रेस के नेताओं की मुलाकात हुई तो उनका विधायकों, विधान पार्षदों और नेताओं से यही सवाल था कि आखिरकार बिहार में पार्टी इतनी कमजोर क्यों है? संगठन को लेकर राहुल ने नेताओं से काफी देर तक सलाह मशवरा किया. पहले चरण में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राहुल गांधी से मुलाकात हुई. इसके बाद विधायकों और विधान पार्षदों ने एक साथ अपने नेता से मुलाकात की. इसमें बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष भी मौजूद रहे.
पहले चरण में राहुल गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उनसे संगठन को मजबूत करने के बारे में व्यापक चर्चा की. जबकि दूसरे चरण में सांसदों, विधायक और विधान पार्षदों ने भी राहुल गांधी से मुलाकात की. इस बैठक की खास विशेषता यह रही कि राहुल गांधी ने सामूहिक बात करने की बजाय एक-एक करके विधायकों और विधान पार्षदों की बात ध्यान से सुनी. बिहार में कांग्रेस को कैसे मजबूती दी जाए, इस बात को लेकर राहुल गांधी सबसे ज्यादा चिंतित रहे. उन्होंने पार्टी नेताओं को समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर पार्टी से जोड़ने की नसीहत दी है. पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी को बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत कराते हुए जाति, धर्म, सोशल इंजीनियरिंग समेत तमाम चीजों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को कहा कि जिस तरीके से मौजूदा परिस्थिति में बीजेपी का ग्राफ गिरा है वैसे में कांग्रेस को अगले 8 से 10 महीने में बिहार में मजबूत स्थिति में लाया जा सकता है. बिहार के नेताओं ने अपने नेता को भरोसा दिलाया की विस्तृत रणनीति बनाकर पार्टी के सभी नेता गांव और पंचायतों का दौरा करेंगे. पार्टी के कई नेताओं ने अपने नेता से संवादहीनता की खास तौर पर चर्चा की और कहा कि इस कारण भी प्रदेश में पार्टी की हालत अच्छी नहीं है. राहुल गांधी ने संवादहीनता को समाप्त करने का आश्वासन दिया और भरोसा दिलाया कि हर 3 महीने में पार्टी नेताओं से वे मुलाकात करेंगे. यही नहीं, पार्टी की नजर 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव पर है.
सूत्रों ने बताया कि बिहार में कांग्रेस विधायकों की टूट की खबर को लेकर भी राहुल गांधी ने अपने विधायकों से सीधा सवाल किया. विधायकों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सभी एकजुट हैं और किसी भी हालत में विधायकों में टूट नहीं होने पाएगी. विधायकों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा,’ उन्हें विश्वास है कि पार्टी में एकजुटता है और विधायक भी किसी भी हालत में पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल नहीं होंगे.