लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान अपने खेमे को मजबूत करने में जुटे हैं। इस कड़ी में उन्होंने पूर्व विधान पार्षद और बाहुबली नेता हुलास पांडेय को बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें लोजपा बिहार संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। हुलास, पीरो के जदयू विधायक रहे नरेंद्र पांडेय उर्फ सुनील पांडेय के भाई हैं। सुनील पांडेय की छवि भी बाहुबली की ही है। जदयू से टिकट नहीं मिलने पर वे भी लोजपा से जुड़ गए थे। हुलास खुद बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। दोनों भाई मूलत: रोहतास जिले के रहने वाले हैं, लेकिन इनका कार्यक्षेत्र भोजपुर जिले के पीरो-तरारी क्षेत्र में अधिक रहा है। हुलास बक्सर जिले की राजनीति में अधिक सक्रिय रहते हैं, जबकि सुनील पांडेय भोजपुर जिले की राजनीति में।
2020 के विधानसभा चुनाव में हुलास ने बक्सर जिले की ब्रह्मपुर सीट से बतौर लोजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ा था। इस सीट से राजद के शंभू नाथ यादव को जीत मिली थी। एनडीए में यह सीट विकासशील इंसान पार्टी को दे दी गई थी। पांच मई को चिराग के पटना आगमन पर हुलास बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ उनके स्वागत के लिए पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे। खुली छत वाली कार से आशीर्वाद यात्रा में शामिल होते हुए उनकी तस्वीरें सामने आई थीं।
हुलास पांडेय को चिराग से वफादारी जताने का इनाम मिला है। माना जा रहा है कि पटना एयरपोर्ट पर और वैशाली तक आशीर्वाद यात्रा में भीड़ जुटाने में उनका बड़ा योगदान रहा। लोजपा में पशुपति पारस खेमे के अलग रुख दिखाने के बाद चिराग गुट इन दोनों भाइयों को लेकर थोड़ा संशय में था। ऐसा कहा जा रहा था कि सुनील पांडेय, सूरजभान के प्रभाव में आकर पारस खेमे के साथ जा सकते हैं। हुलास के साथ आने से चिराग को राहत मिली है।