पति या पत्नी में कोई सरकारी नौकरी या दोनों बिहार पुलिस में काम करते हैं तो उन्हें एक जिले में काम करने का मौका मिलेगा। दंपती के सरकारी सेवा में होने या पुलिस में कार्यरत होने की सूरत में उनके पदस्थापन को लेकर पुलिस मुख्यालय ने नीति को हरी झंडी दे दी है। अब राज्य सरकार की नीति के तहत ही पुलिस में कार्यरत दंपती या पति-पत्नी में कोई एक भी पुलिस में हैं तो हरसंभव प्रयास किया जाएगा कि दोनों एक ही जिले में पदस्थापित हों। हालांकि यह तभी संभव होगा जब पति और पत्नी दोनों की सेवा पूरे बिहार में स्थानांतरणीय हो। पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के तबादले को लेकर पिछले वर्ष बिहार पुलिस द्वारा नीति बनाई गई थी। इसी के आधार पर पुलिसकर्मियों के तबादले होते हैं। पर पुलिस में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं था। अब पुलिस ने भी सरकारी सेवा में कार्यरत दंपती के स्थानांतरण या पदस्थापन को लेकर नीति तय कर दी है। इसके तहत पति-पत्नी दोनों के बिहार पुलिस में कार्यरत रहने की स्थिति में एक ही जिला या इकाई में तैनाती उनके संयुक्त हस्ताक्षर के साथ दिये गए आवेदन पर ही विचार किया जाएगा। उनके द्वारा दिए गए च्वॉइस के पदस्थापन में यदि कोई एक भी पदस्थापित रहा हो, जिला या क्षेत्र की अवधि पूरी हो चुकी है या जल्द पूरी होनी है तो उन्हें ऐसे किसी जिले या इकाई में तैनात किया जाएगा, जहां वे पहले नहीं रहे हैं।
वहीं जिन इकाई या प्रतिष्ठान में तैनाती को लेकर अलग से मापदंड बने हैं वहां इस आदेश के आधार पर पति-पत्नी का पदस्थापन नहीं होगा। यदि पति या पत्नी में से कोई एक ऐसे प्रतिष्ठान में तैनात हैं तो दूसरे को नजदीक के जिला या इकाई में पदस्थापन पर विचार किया जाएगा। नई नीति के तहत यदि पति या पत्नी पुलिस से इतर किसी दूसरे विभाग में कार्यरत हैं तो स्थानांतरण के अन्य नियमों को ध्यान में रखते हुए उनके मामलों में विचार किया जाएगा। पर ऐसे मामले में पति-पत्नी की सेवा स्थानांतरणीय होनी चाहिए। ऐसे में जिला और क्षेत्र की अवधि पूरी होने के बाद दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। वहीं पति-पत्नी के कर्तव्य स्थल पर गृह जिला अथवा किसी जिला या इकाई में दोबारा तैनाती के अनुरोध पर विचार नहीं होगा। हालांकि इन सबों से इतर तबादले में आवेदन का हित के साथ प्रशासनिक आवश्यकता और कार्यहित को ध्यान में रखा जाएगा।