
लोकसभा चुनाव की हलचल से ठीक पहले बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर को जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आंकड़ों के आते ही बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।सत्ताधारी पार्टियों ने खुशी जाहिर की है तो विपक्ष ने आंकड़ों को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किए।आंकड़ों में पिछड़ा वर्ग 63% बताया गया है। एससी और एसटी की आबादी जोड़ने पर यह आंकड़ा 85 प्रतिशत तक पहुंच जा रहा है।
लोकसभा चुनाव की हलचल से ठीक पहले बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर Caste Census 2023 के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आंकड़ों के आते ही बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।सत्ताधारी पार्टियों ने खुशी जाहिर की है तो विपक्ष ने आंकड़ों को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किए।आंकड़ों में पिछड़ा वर्ग 63% बताया गया है। एससी और एसटी की आबादी जोड़ने पर यह आंकड़ा 85 प्रतिशत तक पहुंच जा रहा है।
इस रिपोर्ट का राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ आमलोगों को इंतजार था। लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व इस रिपोर्ट को नीतीश सरकार का सबसे बड़ा दांव माना जा रहा है। इसमें दर्शाये गए आंकड़े बिहार की राजनीति के स्वरूप को बिल्कुल बदलकर रख सकते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य की कुल आबादी 13,07,25,310 है। जिसमें सर्वाधिक आबादी हिन्दुओं की है। गणना रिपोर्ट के अनुसार हिंदुओं की आबादी 81.9986 फीसदी है जबकि मुसलमान 17. 7088 फीसदी हैं।
क्या जातीय गणना के आंकड़े से बदलेगी राजनीतिक?
बिहार में लगभग सबी राजनीतिक पार्टियां पिछड़ी जाति का प्रतिनिधित्व करती हैं। राजद के MY समीकरण की चर्चा हमेशा से जोड़ों पर रहती है। वहीं जदयू जाति की नहीं बल्कि पिछड़ा और अति पिछड़ा समूह का प्रतिनिधि बताती है। ऐसे में महागठबंधन के पास बिहार में 85 प्रतिशत वोट बैंक इनके हवाले है। वहीं हिन्दु बनाम मुसलमान वाली राजनीति में एनडीए के लिए 81 प्रतिशत का आंकड़ा है।
वर्गवार जातीय गणना के आंकड़े को भी देखने की आवश्यकता है। जिसमें अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01 फीसदी यानि 4,70,80,514 है। पिछड़े वर्ग की आबादी 27.12 प्रतिशत यानि 3,54,63,936 बताई गई है। बिहार में एससी 19.65 फीसदी यानि 2,56,89,820 हैं। वहीं एसटी 1.6 प्रतिशत यानि 21,99,361 हैं।जनरल कास्ट कुल आबादी का 15.5224 प्रतिशत यानि 2,02,91,679 हैं।इसी रिपोर्ट के अनुसार मुसहर की आबादी 3 फीसदी बताई गई है।
बिहार में विभिन्न जातीयों की आबादी कितनी है?
इस रिपोर्ट में कुल 215 जातीयों का आंकड़ा जारी किया है। बिहार में जाति के हिसाब से जनसंख्या कुछ इस तरह से है।
यादव- 14. 26 प्रतिशत.
कुर्मी- 2.87 प्रतिशत.
कुशवाहा- 4.21 प्रतिशत.
ब्राह्मण- 3.65 प्रतिशत.
भूमिहार- 2.86 प्रतिशत.
राजपूत- 3.45 प्रतिशत.
मुसहर- 3.08 प्रतिशत.
तेली- 2.81 प्रतिशत.
मल्लाह- 2.60 प्रतिशत.
बनिया- 2.31 प्रतिशत.
नोनिया- 1.91 प्रतिशत.
कायस्थ- 0.60 प्रतिशत.
किन्नर- 0.0006 प्रतिशत.
लोहार- 0.62 प्रतिशत.