
Patna : पिछले साल (2022) बिहार ने अपना 110 वां स्थापना दिवस मनाया। इस बार भी 22 मार्च को बिहार दिवस के जश्न की जोरदार तैयारी चल रही है। यह दिन बिहार की अस्मिता का दिन है, बिहार की गौरवगाथा का दिन है। यह नए बिहार के अभ्युदय के उत्सव की बेला है। ये वो अवसर है जब गौरवशाली अतीत और प्रगतिशील वर्तमान का प्रदर्शन होता है।
पिछले साल इस अवसर पर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने प्रगति की ओर अग्रसर बिहार की झांकी पेश गयी थी। इस जश्न का आगाज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थिति में हुआ था। इस दौरान उन्होंने बिहार की गौरवपूर्ण विरासत और महत्ता बताकर बिहारी स्वाभिमान को जागृत किया।
पटना के गांधी मैदान में 500 ड्रोन ने आसमान में बिहार की भव्य तस्वीर उकेरी। जिसमें गांधी और बुद्ध की धरती के रूप में परिचय कराया गया। लेजर शो के माध्यम से शराबबंदी, दहेज प्रथा और बाल विवाह की प्रस्तुति कर समाज सुधार का संदेश जनता तक पहुंचाया गया। इस समारोह में आपदा प्रबंधन से निपटने, उन्नत खेती की तकनीकी, जीविका के प्रेरणादायक कार्य व परिवहन की सुगमता को बड़े ही कलात्मक ढंग से न केवल दर्शाया गया था बल्कि संबंधित उपकरण को दर्शकों के लिए रखा भी गया था । बिहारी मिट्टी की खुशबू में लोककला के रंग बिखेरने महमूद फारुखी द्वारा कर्ण कथा वाचन रंजना झा व नीतू कुमारी नूतन ने अपने लोकगीतों से दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। वहीं सौंदर्यात्मक शास्त्रीय नृत्य के जरिए प्राची पल्लवी साहू ने सबका मन मोह लिया। इस जश्न में पार्श्व गायक कैलाश खेर ने अपने सुरों से समां बांधा।