
राज्य के 60 लाख से अधिक विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड फिंगरप्रिंट लेगा। नौवीं से 12वीं तक के छात्र और छात्राओं का फिंगर प्रिंट लिया जाएगा। यह बातें बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कही.
आनंद किशोर ने बताया कि नौवीं और 11वीं में रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म भरवाने के समय और मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा फार्म भरवाते समय फिंगर प्रिंट लिया जायेगा। इसके लिए राज्यभर के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगेगी।
कोरोना संक्रमण में रिजल्ट देना काफी चुनौतीपूर्ण था। मार्च 2020 में कोरोना आया। इससे पहले फरवरी में ही इंटर और मैट्रिक परीक्षा ले ली गयी थी। मैट्रिक रिजल्ट के समय कोरोना संक्रमण तेज था। फिर 2021 में मैट्रिक और इंटर दोनों परीक्षा लेना और रिजल्ट देना मुश्किल भरा रहा। नौ क्षेत्रीय कार्यालयों में स्कैनिंग का काम शुरू किया। अधिक से अधिक कंप्यूटर का इस्तेमाल रिजल्ट के लिए किया गया। सिलेबस का आधा भाग ओएमआर पर लिया। जिसका मूल्यांकन कंप्यूटर से किया गया। शिक्षकों के मूल्यांकन कार्य को कंप्यूटर पर शिफ्ट किया। इससे समय की बचत हुई।
उन्होंने बताया कि अगले कुछ सालों में बिहार बोर्ड में कई बदलाव होंगे। 2016 से अब तक बोर्ड कें क्या-क्या बदलाव आए, बोर्ड किस तरह से पूरी तरह कंप्यूटरीकृत हुआ, उसका अपना सॉफ्टवेयर बनाने के साथ आगे बोर्ड के लिए क्या चुनौतियां हैं… इन तमाम सुधारों पर बोर्ड अध्यक्ष ने अपनी राय साझा की।