
DESK: बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर में जहां 24.10 प्रतिशत की वृद्धि की है, वहीं नियत शुल्क (फिक्स चार्ज) में भी दोगुना की बढ़ोतरी कर दी है। उपभोक्ताओं को एक अप्रैल से नई दर से बिल का भुगतान करना होगा। हालांकि, राहत की बात यह है कि राज्य सरकार के अनुदान की घोषणा के बाद वास्तविक दर लागू होगी। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 7801 करोड़ रुपये बिजली मद में अनुदान घोषित किया था।
बिजली उत्पादन कंपनियों द्वारा 10 प्रतिशत विदेशी कोयला उपयोग की बाध्यता व अन्य कारणों से दरों में वृद्धि हुई है। विदेशी कोयला का मूल्य देसी कोयला से दोगुना पड़ता है। यह बाध्यता 2022 अप्रैल से लागू है। इस कारण प्रति यूनिट बिजली खरीद मूल्य करीब एक रुपया बढ़ा है। राज्य में वर्ष 2023-24 में बिजली का खरीद मूल्य 5.82 रुपये प्रति यूनिट होगा, जबकि स्थापना, रखरखाव आदि पर खर्च के बाद इसका मूल्य 8.30 रुपये प्रति यूनिट होता है। वहीं, राज्य में इसकी क्षति 29 फीसदी है, जबकि आयोग ने इसमें केवल 15 फीसदी ही मान्य स्वीकार किया है। राज्य की दोनों वितरण कंपनियों की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में कुल 1.79 करोड़ इसके उपभोक्ता हैं। वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में अनुमानित बिजली उपभोक्ताओं की संख्या क्रमश 1.86 करोड़ एवं 1.91 करोड़ है।
बिजली की नई दर(बिहार)
तीन से घटाकर स्लैब दो किया गया
ग्रामीण अनुदान क्षेत्र रहित
0-50 7.57
50 से अधिक 8.11
शहरी घरेलू
1-100 7.57
100 से अधिक 9.10
बिहार में कब-कब बिजली दर बढ़ी
2014-15 वृद्धि नहीं
2015-16 वृद्धि नहीं
2016-17 2.5 फीसदी
2017-18 वृद्धि नहीं
2018-19 55 फीसदी
(अनुदान के बाद 20 फीसदी बढ़ी दर)
2019-20 05 फीसदी
2020-21 वृद्धि नहीं
2021-22 10 पैसे कम
2022-23 वृद्धि नहीं
2023-24 24.10 फीसदी
(अनुदान घोषणा बाकी)