बिहार में पंचायत चुनाव के क्रम में कई पंचायतों के नाम भी बदल जाएंगे और नए नाम तय होंगे। खासकर, वैसे पंचायत जिनके एक चौथाई हिस्से नगर निकाय में शामिल हो चुके हैं और उनके पंचायत मुख्यालय वाले गांव भी नगर निकाय में शामिल हो गए हैं, उनमें नये पंचायत के नाम तय किए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पंचायतों के पुनर्गठन के क्रम में सभी जिलों के जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत को वैसे पंचायतों के नये नाम तय करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनका अधिकांश हिस्सा नगर निकाय में शामिल हो गया है।
सूत्रों ने बताया कि नये पंचायतों के गठन के साथ ही उस पंचायत में नये वार्डो का भी गठन किया जाएगा। सभी वार्डो के पदवार आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा ताकि वहां आयोग के निर्देशानुसार पंचायत चुनाव कराए जा सकें। इसके लिए जिलों को तत्परतापूर्वक राज्य सरकार की नीति के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव के दौरान पंचायत समिति सदस्यों का चुनाव भी पंचायत के स्वरूप के अनुसार ही आरक्षण रोस्टर के तहत निर्धारित किए जाएंगे और उनका निर्वाचन भी उसी के अनुरूप होगा। इस प्रकार, सभी नवगठित पंचायतों में सभी छह पदों के लिए चुनाव कराया जाएगा। जिलों को निर्देश दिया गया है कि इसमें किसी प्रकार की असुविधा होने पर तत्काल मार्गदर्शन के लिए आयोग से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।