ट्रैफिक की ट्रेनी सिपाही सविता कुमारी पाठक की मौत के बाद पुलिस लाइन में विद्रोह, पुलिस अधिकारियों से मारपीट, वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में जिन 168 पुलिसकर्मियाें काे बर्खास्त किया गया था, उन्हें हाईकाेर्ट ने बहाल करने का आदेश दिया। काेर्ट ने यह आदेश गत 3 मई काे दिया। पुलिस लाइन में यह घटना 2 नवंबर 2018 काे हुई थी। हाईकाेर्ट ने आदेश में कहा कि तत्कालीन आईजी नैयर हसनैन खान के आदेश पर तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही इन लाेगाें काे नाैकरी से निकाल दिया। इनका पक्ष नहीं सुना गया। काेर्ट के आदेश के बाद इन 168 पुलिसकर्मियाें में से 139 ने दाे दिन पहले याेगदान दिया, लेकिन इनकी याेगदान की तिथि 27 मई मानी गई। एसएसपी ने 27 मई की तिथि से ही फिर इन 139 पुलिसकर्मियाें काे निलंबित कर दिया। एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि हाईकाेर्ट के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय से गाइडलाइन मांगी गई थी। पुलिस मुख्यालय की गाइडलाइन के अनुसार, 139 पुलिसकर्मियाें काे याेगदान कराया गया और उसी दिन निलंबित कर दिया गया। अब इनपर विभागीय कार्यवाही चलेगी। उसके बाद कार्रवाई हाेगी। निलंबन अवधि तक नियमानुसार आधा वेतन मिलेगा।
ट्रेनी महिला जवान की माैत पुलिस लाइन में 2 नवंबर काे अचानक बवाल हाेने लगा। वहां तैनात पुलिसकर्मी पुलिस लाइन में लगे सरकारी वाहनाें में ताेड़फाेड़ करने के साथ आगजनी करने लगे। यही नहीं, पुलिस लाइन के तत्कालीन डीएसपी माे. मसलेह उद्दीन के पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवास में घुसकर जमकर पिटाई कर बुरी तरह घायल कर दिया था। सूचना मिलने के बाद तत्कालीन सिटी एसपी अमरकेश डी और पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। हालत इतना बेकाबू हाे गया था कि उग्र जवानाें ने एसपी और उनके साथ गए थानेदाराें के साथ मारपीट करने के बाद उन्हें खदेड़ दिया। बाद में एसएसपी मनु महाराज और अन्य पुलिस अधिकारी पहुंचे और हालात काे काबू में किया।
आईजी और एसएसपी ने सीसीटीवी फुटेज से इन 168 पुलिसकर्मियाें की पहचान की और बुद्धा काॅलाेनी थाने में अलग-अलग पुलिस अधिकारियाें के बयान पर चार केस दर्ज किए गए थे। इससे पहले बिहार में एक साथ 168 पुलिसकर्मियाें काे एक साथ बर्खास्त नहीं किया गया था। बर्खास्त हाेने वालाें में करीब 75 महिलाएं भी थीं। इस घटना के बाद पुलिस लाइन में सालाें से जमे करीब 93 पुलिसकर्मियाें का दूसरे जिले में तबादला करने के साथ 23 काे निलंबित भी कर दिया गया था। सूत्राें के अनुसार जिन 168 पुलिसकर्मियाें काे बर्खास्त किया गया था, उनमें से 139 ने ही याेगदान दिया। शेष 29 ने अभी तक याेगदान नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि इन 29 में से कुछ दाराेगा बन गए ताे कई दूसरे जाॅब के साथ प्राइवेट कंपनी में ज्वाइन कर लिया।