
बच्चों में भगवान बसते हैं बच्चे कभी झूठ नहीं बोलते। हरनौत के नीमाकौल निवासी छठी कक्षा के छात्र सोनू ने शराबबंदी और शिक्षा व्यवस्था की हकीकत बताने की कोशिश की है। सोनू की बातों को सुनकर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैरान रह गये।
11 साल के सोनू का कहना था कि उसके पापा दही बेचते हैं लेकिन शराब और ताड़ी की लत के कारण सारे पैसे उसी में उड़ा देते हैं। मेरी इच्छा पढ़ने की है मैं बड़ा होकर आईएएस या आईपीएस बनता चाहता हूं लेकिन पैसे के अभाव में वह प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ सकता और सरकारी स्कूलों में वह जाना नहीं चाहता। क्योंकि उसका कहना है कि सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई नहीं होती है। स्कूल के टीचर को इंग्लिश तक नहीं आती है। उसकी बातों को सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वहां मौजूद अधिकारी भी दंग रह गये
दरअसल पत्नी स्वर्गीय मंजू सिन्हा की 16वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमा नालंदा के हरनौत स्थित कल्याण बिगहा पहुंचे थे। इस दौरान कल्याण विगहा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में जनसंवाद कार्यक्रम में वे शामिल हुए और लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान 11 साल का बच्चा सोनू कुमार साइकिल चलाकर खुद जनसंवाद में पहुंच गया। जन संवाद में सोनू ने अपनी बातें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। जिसे सुनकर सीएम भी हैरान रह गये। सोनू ने बताया कि वह हरनौत प्रखंड के नीमाकौल गांव का रहने वाला है। सोनू कुमार ने जन संवाद में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की और कड़वे सच को कहने का काम किया। छोटे से बच्चे ने नीतीश कुमार के सामने शिक्षा की बदहाली और शराबबंदी की हकीकत से सीएम नीतीश को अवगत कराया
सोनू ने बताया कि इसके पिता दही की दुकान से जो भी पैसे कमाते है उसका उपयोग वे शराब पीने में करते है। घर का माली हालत ठीक नहीं है जिसके कारण वह सरकारी स्कूल में पढ़ने को विवश है। वह मध्य विद्यालय नीमाकौल के सरकारी स्कूल में पढ़ता है।सोनू ने जो कुछ बताया वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने को काफी है। उसका कहना है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति सही नहीं है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा बच्चों को नहीं दे पात है। छोटे से बच्चे ने खुद इस बात का खुलासा किया है